प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान के सीकर में एक कार्यक्रम के दौरान ‘यूरिया गोल्ड’ लॉन्च किया. यूरिया गोल्ड, यूरिया की एक नई किस्म है. यह सल्फर कोटेड यूरिया (SCU) होता है. इसलिए इसे सल्फर यूरिया भी कहते हैं. इसके इस्तेमाल का एक बड़ा फायदा यह है कि इससे मिट्टी में सल्फर की कमी नहीं रहेगी. यह पौधों में नाइट्रोजन इस्तेमाल करने की क्षमता को भी बढ़ाता है. इससे फसल का उत्पादन भी बढ़ता है. इसके अलावा, इसके इस्तेमाल से उर्वरक की खपत भी कम होती है. साथ ही फसल की गुणवत्ता बढ़ती है. वहीं, यह यूरिया मौजूदा वक्त में राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर लिमिटेड (RCF) कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है.
अगर यूरिया गोल्ड को लॉन्च करने के उद्देश्य की बात करें, तो मिट्टी की उर्वरा क्षमता को बढ़ाना और किसानों के लिए इनपुट लागत को कम करना है. ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं आखिर ‘यूरिया गोल्ड’ उर्वरक क्या है? इसके अलावा, ‘यूरिया गोल्ड’ उर्वरक किसानों के लिए क्यों फायदेमंद है?
यूरिया गोल्ड, एक सल्फर कोटेड यूरिया है. इसके प्रयोग से मिट्टी में सल्फर की कमी दूर होती है. वहीं, सल्फर कोटेड यूरिया, नीम कोटेड यूरिया की तुलना में अधिक किफायती और कुशल है. इसके अलावा, सल्फर कोटेड यूरिया नाइट्रोजन को धीमी गति से रिलीज करने में मदद करता है, जिससे इसकी मिट्टी में उपलब्धता और उपयोग बढ़ जाता है. वहीं यूरिया गोल्ड में मिट्टी में उपलब्धता बढ़ाने के लिए ह्यूमिक एसिड मिलाया गया है. यह यूरिया की खपत को कम करने का काम करता है और उर्वरक के उपयोग को भी कम करता है. इससे फसल का उत्पादन भी बढ़ता है. 15 किलोग्राम यूरिया गोल्ड लगभग 20 किलोग्राम पारंपरिक यूरिया के बराबर होता है.
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• फसल की क्वालिटी बढ़ जाएगी.
• मिट्टी में सल्फर की कमी नहीं होगी.
• मिट्टी की उर्वरा क्षमता बढ़ जाएगी.
• 15 किलो यूरिया गोल्ड, 20 किलो पारंपरिक यूरिया के बराबर है.
• यूरिया के लागत में कमी आएगी.
• खेतों में उर्वरक की खपत कम होगी.
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सरकार द्वारा अभी तक यूरिया गोल्ड के मूल्य पर सब्सिडी देने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. मालूम हो कि सरकार मौजूदा यूरिया की बोरी पर किसानों को भारी सब्सिडी दे रही है. इस समय यूरिया की एक बोरी पर करीब 2000 रुपये की सब्सिडी है. किसानों को महज ढाई सौ रुपये में यूरिया का बैग मिलता है.
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