खेती-किसानी, मछलीपालन और पशुपालन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) में कृषि वैज्ञानिकों के करीब 25 फीसदी पद खाली हैं. यही नहीं बड़ी संख्या में टेक्निकल पोस्ट भी खाली हैं. सवाल यह है कि क्या खाली पदों की वजह से एग्रीकल्चर रिसर्च पर असर नहीं पड़ रहा? पिछले कुछ महीने में आईसीएआर से जुड़े संस्थानों में डायरेक्टरों और विभाग प्रमुखों का चयन तेजी से काम करके पूरा किया गया है. लेकिन, देश की सबसे बड़ी कृषि संस्था में वैज्ञानिकों के बड़ी संख्या में पद खाली रहना अपने आप में बड़ा सवाल है. आईसीएआर के अधीन 113 रिसर्च इंस्टीट्यूट काम करते हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक आईसीएआर के साइंटिफिक काडर में 6586 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 1674 खाली हैं. इनमें वैज्ञानिकों के 761, वरिष्ठ वैज्ञानिकों के 572, प्रधान वैज्ञानिकों के 321 और रिसर्च मैनेजमेंट वाले 20 पद शामिल हैं. आईसीएआर के अधिकांश संस्थानों में आप जाएंगे तो पाएंगे कि जितने वैज्ञानिक चाहिए उतने हैं नहीं. अब आप आसानी से समझ लीजिए कि अगर इतने पोस्ट खाली हैं तो कृषि क्षेत्र में रिसर्च का काम कितने अच्छे से हो पाएगा.
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आईसीएआर के टेक्निकल काडर के पदों का तो पूछिए मत. इस संवर्ग की करीब 42 फीसदी पोस्ट खाली पड़ी हुई हैं. केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस काडर में 6376 पोस्ट मंजूर हैं जिनमें से 2724 खाली पड़ी हुई हैं. इसमें कैटेगरी वन की 1410, कैटेगरी टू की 1115 और कैटेगरी थ्री की 199 पोस्ट खाली हैं. आईसीएआर के शोध संस्थानों में टेक्निकल काडर बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसके कर्मचारी रिसर्च के काम में बड़ी भूमिका निभाते हैं. सवाल यह है कि अगर वैज्ञानिकों और टेक्निकल ग्रेड की इतनी पोस्ट खाली हैं तो कैसे हम खेती को आगे बढ़ाने के लिए नए रिसर्च बढ़ा पाएंगे.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि भर्ती एक रेगुलर जारी रहने वाली प्रक्रिया है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में खाली पड़े पदों को स्थापित प्रक्रिया के माध्यम से कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल (ASRB) तथा अन्य एजेंसियों द्वारा जैसा भी मामला हो, भरा जाता है. परिषद में खाली पदों की स्थिति की नियमित रूप से निगरानी की जाती है. अभी जो खाली पद हैं उनको जल्दी भरने के लिए आवश्यक कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं.
आईसीएआर को दुनिया के सबसे बड़े कृषि सिस्टम में गिना जाता है. कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के तहत आईसीएआर एक स्वायत्तशासी संस्था है. रॉयल कमीशन की कृषि पर रिपोर्ट पर सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 के तहत इसे रजिस्टर्ड किया गया था. करीब 94 साल पहले 16 जुलाई 1929 को इसकी स्थापना हुई थी. तब इस सोसाइटी का नाम इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च था. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है. इसने देश में हरित क्रांति लाने और उसके बाद कृषि में लगातार विकास करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है. लेकिन, अब अगर इतने पद खाली रहेंगे तो निश्चित तौर पर काम प्रभावित होगा.
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