बिहार के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में बुधवार को कृषि भवन में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम की योजना पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में बिहार में कृषि क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने और किसानों की आय दोगुनी करने पर विस्तृत चर्चा हुई. जहां, उप मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया (बीसा), पूसा, समस्तीपुर को जलवायु अनुकूल कृषि के लिए सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा.
इसके साथ ही उन्होंने बिहार के मौसम के अनुरूप दलहन, तिलहन और पोषक तत्वों से भरपूर फसलों को बढ़ावा देने पर जोर दिया. साथ ही, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित प्रणाली विकसित करने का निर्देश दिया, जिससे फसलों में रोग-कीट के प्रभाव का पूर्वानुमान लगाया जा सके.
कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण और भ्रमण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. सीमांत और लघु किसानों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में सक्षम बनाने के लिए जागरूकता जरूरी है. इसके साथ ही जल और मृदा संरक्षण को इस योजना का अभिन्न हिस्सा बताया गया. आगे उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों को आपस में समन्वय स्थापित कर किसानों के हित में काम करने की जरूरत है.
उप–मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में युवाओं को आकर्षित करने के लिए नवाचार और व्यवसाय आधारित मॉडल विकसित करने पर जोर देने की जरूरत है. इसके अलावा, प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. साथ ही किसानों की लागत कम करने और आय दोगुनी करने के प्रयासों को भी प्राथमिकता दी जा रही है.
प्रधान सचिव, कृषि विभाग पंकज कुमार ने जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम और आगामी वर्षों में लागू होने वाली नवाचार गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला. इस दौरान बैठक में कृषि निदेशक नितिन कुमार सिंह, निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार, अपर निदेशक (शस्य) धनंजय पति त्रिपाठी, सीमीट-बीसा के डायरेक्टर जनरल ब्राम गोवर्टस, बीसा के प्रबंध निदेशक मारूथी प्रसन्ना बोडूपली, सहायक निदेशक (शस्य) स्वाती सागर सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
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