लखनऊ में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अवसर पर प्रदेश के सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने बताया कि इफको की नैनो यूरिया के लाभों से प्रोत्साहित होकर जल्द ही नैनो डीएपी भी बाजार में उपलब्ध कराई जाएगी. नैनो डीएपी देश के किसानों के लिए वरदान साबित होगी. भारत सरकार द्वारा जल्दी ही नैनो डीएपी को फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर के अंतर्गत लाया जाएगा. सहकारिता राज्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर कृषि के सपने को साकार करने के लिए सहकारिता क्षेत्र के अंतर्गत इफको द्वारा विश्व में पहली बार नैनो यूरिया का आविष्कार किया गया है.
तीन चार साल तक किसानों और विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों में 94 फसलों पर ट्रायल के बाद भारत सरकार ने नैनो यूरिया को किसानों के प्रयोग के लिए फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की. नैनो यूरिया के प्रयोग से सात से आठ प्रतिशत कृषि उपज में वृद्धि होती है और उपज की गुणवत्ता में भी सुधार होता है. परिवहन और भंडारण सस्ता और सुलभ होता है.
उत्तर प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री जेपीएस राठौर ने बताया कि उत्तर प्रदेश में एक करोड़ नैनो यूरिया बोतलों की बिक्री की गई जिसमें 2000 करोड़ रुपये की अनुदान संबंधी धनराशि की बचत हुई है. फसलों में खरपतवार और कीटों का प्रकोप भी नैनो यूरिया के प्रयोग से कम होता है. साथ ही फसल उत्पादन की लागत में कमी आती है.
भारत सरकार द्वारा अनुदान के मद में खर्च की जा रही धनराशि में भी बचत हो रही है. सहकारिता राज्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश नैनो यूरिया का उपभोग करने के मामले में देश में अग्रणी राज्य है. भारत सरकार को वर्तमान समय में फास्फेटिक उर्वरकों के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ता है. नैनो डीएपी के उत्पादन के बाद उर्वरक क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर होने की ओर अग्रसर होगा.
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उत्तर प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री जेपीएस राठौर ने बताया कि नैनो डीएपी की आधे लीटर की एक बोतल की कीमत मात्र 600 रुपये होगी. वहीं किसानों को 50 किलोग्राम सामान्य डीएपी 1350 रुपये में उपलब्ध होती है. वही नैनो डीएपी मात्र 600 रुपये में प्राप्त होगी जिससे किसान की फसल उत्पादन की लागत में भारी कमी आएगी. भारत सरकार को अनुदान के मद में लगभग ढाई हजार रुपये प्रति बोरी की बचत होगी. नैनो डीएपी का प्रयोग बीज उपचार और खड़ी फसल में छिड़काव के रूप में किया जाएगा जिससे फसल की जड़ों के विकास, वानस्पतिक वृद्धि और ऊपर की गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी.
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