मछलियों के तालाब में कब और कैसे करें खाद का इस्तेमाल, 5 पॉइंट्स में समझें

मछलियों के तालाब में कब और कैसे करें खाद का इस्तेमाल, 5 पॉइंट्स में समझें

अगर आप मछली पालन का बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं, तो तालाब में मछलियों के बीज डालने से 15 दिन पहले ही खाद जरूर डालें. इससे मछलियों के बीजों का विकास तेजी से होता है. किसान तालाब में कार्बनिक उर्वरक में गोबर की खाद और मुर्गी की बीट डाल सकते हैं

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मछलियों के तालाब में कब और कैसे करें खाद का इस्तेमाल, 5 पॉइंट्स में समझेंमछली पालन और तालाब में खाद का इस्तेमाल. (सांकेतिक फोटो)

भारत के एक कृषि प्रधान देश है. यहां पर 75 फीसदी से अधिक आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर है. ये आबादी गांवों में निवास करती है और अपनी आजीविका के लिए खेती के साथ-साथ मछली पालन भी करती है. इससे किसानों की अधिक कमाई हो जाती है. हालांकि, अब गांवों में किसान बड़े स्तर पर मछली पालन कर रहे हैं. वहीं, अलग-अलग राज्यों में सरकारें भी मछली पालन को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए वह किसानों को सब्सिडी भी देती है. लेकिन इसके बावजूद भी सही जानकारी नहीं होने के चलते कई किसान मछली पालन में मुनाफा नहीं कमा पाते हैं. क्योंकि उनके तालाब में मछलियों का विकास भी तेजी नहीं हो पाता है. पर अब किसानों को चिंता करने की जरूत नहीं है. वे नीचे बताए गए तरीकों को अपना कर मछली पालन में ज्याद से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.

दरअसल, मछली पालन पालन शुरू करने से पहले किसानों को मछलियों के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए.एक्सपर्ट की माने तो जिस तरह से फसलों के लिए उर्वरक जरूरी है, उसी तरह से मछलियों के विकास के लिए खाद भी आवश्यक है. यदि समय पर तालाब में खाद का नहीं डाली गई तो मछलियों का समुचित विकास नहीं हो पाता है.

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कार्बनिक उर्वरक है बहुत जरूरी

  1. अगर आप मछली पालन का बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं, तो तालाब में मछलियों के बीज डालने से 15 दिन पहले ही खाद जरूर डालें. इससे मछलियों के बीजों का विकास तेजी से होता है.
  2. किसान तालाब में कार्बनिक उर्वरक में गोबर की खाद और मुर्गी की बीट डाल सकते हैं. खास बात यह है कि ये खाद मछली के बीज डालने से 15 दिन पहले ही तालाब में डाल देनी चाहिए.
  3. रासायनिक उर्वरक के रूप में किसान यूरिया, सिंगल सुपर फासफेट और म्यूरेट ऑफ पोटाश का भी तालाब में छिड़काव करने के लिए इस्तेमाल कर सकते है. इससे मछलियां का विकास तेजी से होता है. साथ ही उनका वजन भी बढ़ाने में ये खाद सहायत होती हैं.
  4. एक्सपर्ट की माने तो अगर 1 हेक्टेयर में तालाब बना हुआ है, तो किसान 200 किलोग्राम यूरिया, 250 किलोग्राम एसएसपी और 40 किलोग्राम न्यूरेट ऑफ पोटाश का मिश्रण बना लें. इसके बाद इस मिश्रण का एक साल तक 10 समान मासिक किस्तो में तालाब में डालें.
  5. वहीं, कार्बनिक और रासायनिकों उर्वरकों के बीच 15 दिन का अंतराल रखें. यानी 15 दिन के अंतर पर तालाबों में इन उर्वरकों का छिड़काव करें. इससे बंपर मछली का उत्पादन होगा और आपकी कमाई भी बढ़ जाएगी. 

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