आम को फलों का राजा कहा जाता है. गर्मियों में आम की डिमांड हर जगह देखने को मिलती है. इसके स्वाद, रंग और आकार के कारण इसकी मांग और भी बढ़ जाती है. आम की किस्मों में प्रमुख प्रगतिशील किस्में दशहरी, लगड़ा, चौसा, फजरी, बॉम्बे ग्रीन, अल्फांसो, तोतापरी, हिमसाई किशनभोग, नीलम, सुवर्णखा, वनराज आदि हैं. आम की नव विकसित किस्मों में मल्लिका, आम्रपाली, दशहरी-5, दशहरी-51, अम्बिका, गौरव, राजीव, सौरव, रामकेला, और रत्ना प्रमुख हैं. आम की अलग-अलग किस्मों की खेती अलग-अलग जगहों पर की जाती है. किसान मिट्टी, जलवायु और उपज को ध्यान में रखकर किस्मों का चयन करते हैं.
जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सके. ऐसे में आम के पेड़ों और फूलों पर लगने वाली बीमारियों के कारण न सिर्फ उत्पादन में गिरावट आती है बल्कि गुणवत्ता भी खराब हो जाती है. हम बात कर रहे हैं आम में लगने वाला मालफॉर्मेशन रोग के बारे में. क्या है ये रोग और इसके लक्षण आइए जानते हैं.
मालफॉर्मेशन रोग की वजह से पौधे की पत्तियां छोटी होकर गुच्छे का रूप ले लेती है जिसे बंची टोप कहते है. इस रोग की वजह से पुष्पक्रम नपुंसक हो जाता हैं और गुच्छा बन जाता हैं. जो धीरे-धीरे काले रंग का होकर सुख जाता है. यह रोग उत्तरी भारत विशेषकर पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में अधिक सक्रिय है. इन जगहों पर 50 फीसदी तक नुकसान पाया गया है. इस रोग के मुख्य लक्षण इस प्रकार दिखाई देते हैं.
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