एग्री-इनपुट क्षेत्र की बड़ी कंपनी UPL ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी से मार्च) में शानदार प्रदर्शन किया है. कंपनी को 896 करोड़ रुपये का लाभ हुआ, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में सिर्फ 40 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से राजस्व में इजाफा और परिचालन में सुधार के चलते हुई. चौथी तिमाही में UPL का कुल राजस्व ₹15,573 करोड़ रहा, जो पिछले साल की तुलना में 11% ज्यादा है. पिछले साल इसी अवधि में ₹14,078 करोड़ का राजस्व था. यह ग्रोथ खासतौर पर नॉर्थ अमेरिका और यूरोप में वॉल्यूम ग्रोथ और सभी बिजनेस सेगमेंट में अच्छे प्रदर्शन की वजह से हुई.
वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी को 897 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ, जबकि पिछले साल 1,200 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. पूरे साल का राजस्व 46,637 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के 43,098 करोड़ रुपये के मुकाबले 8.2% ज्यादा है.
UPL ने लगभग $100 मिलियन (800 करोड़ रुपये से अधिक) के नए प्रोडक्ट लॉन्च किए, जिससे कंपनी का प्रोडक्ट पोर्टफोलियो और मिक्स मजबूत हुआ. EBITDA मार्जिन भी 460 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर 17.4% हो गया.
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कंपनी ने अपने शेयरधारकों के लिए 300% डिविडेंड घोषित किया है, यानी हर 2 रुपये के शेयर पर 6 रुपये का लाभ मिलेगा.
मार्च 2025 के अंत में कंपनी का कुल कर्ज 13,860 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 22,170 करोड़ रुपये था. यानी 8,320 करोड़ रुपये की कमी हुई है. यह सुधार ऑपरेशनल कैश फ्लो और 4,700 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू और Advanta स्टेक बिक्री से हुआ है.
UPL का भारत में कारोबार (UPL SAS) भी तेज़ी से बढ़ा. सालभर में 13% की वृद्धि के साथ राजस्व 13,230 करोड़ रुपये पहुंच गया, जबकि पिछले साल ये 2,850 करोड़ रुपये था. यह वृद्धि मुख्य रूप से हर्बीसाइड्स और नेचुरल प्लांट प्रोटेक्शन (NPP) पोर्टफोलियो से आई.
भारत कारोबार में EBITDA मार्जिन 4.7% से बढ़कर 13.7% हो गया, जो कि 900 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी है. कंपनी ने मक्का (कॉर्न) और चावल जैसे रणनीतिक फसलों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर कपास में आई गिरावट की भरपाई की.
UPL ने FY25 में अपने बिजनेस मॉडल को और मजबूत बनाया है. बेहतर मुनाफा, बढ़ी हुई राजस्व, लागत नियंत्रण और कर्ज में कमी से कंपनी अब FY26 में नए जोश और रणनीति के साथ उतरने को तैयार है. कंपनी का लक्ष्य है कि आने वाले समय में वह कृषि क्षेत्र में उभरते अवसरों का भरपूर लाभ उठाए.
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