तेलंगाना के नालगोंडा जिले में पुलिस की बर्बरता का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां पुलिस ने कथित तौर पर यूरिया की कमी पर सवाल उठाने के लिए एक किसान को थर्ड-डिग्री टॉर्चर दिया. पीड़ित की पहचान दमरचर्ला मंडल के कोठापेट गांव के धनवत साई सिद्धू के रूप में हुई है. रिपोर्ट्स के अनुसार, सिद्धू और अन्य किसान यूरिया की आपूर्ति की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे, क्योंकि इसकी कमी ने क्षेत्र में फसल की खेती को बुरी तरह प्रभावित किया है.
आरोप है कि विरोध के दौरान पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और पुलिस स्टेशन के अंदर एक सब-इंस्पेक्टर और तीन कांस्टेबलों की मौजूदगी में 25 मिनट तक बेल्ट और लाठियों से बेरहमी से पीटा गया.
सिद्धू ने आरोप लगाया कि उसे जातिसूचक गालियां दी गईं. उन्होंने दावा किया कि मारपीट के दौरान वह बेहोश हो गए थे और होश में आने के बाद भी उसे पीटा जाता रहा. सिद्धू ने बताया, "उन्होंने मुझे गालियां दीं, बेल्ट और लाठी से 25 मिनट तक पीटा. मैं गिर गया, लेकिन वे मारते रहे."
पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उसे धमकाते हुए कहा, "सीधा चल. अगर अस्पताल में या जज के सामने किसी को कुछ बताया, तो देख लेना कि जमानत भी नहीं मिलेगी. अगर तुमने किसी को बताया तो और भी बुरा होगा."
घटना के तुरंत बाद पीड़ित ने इस मामले की जानकारी स्थानीय लोगों और परिजनों को दी. मामले की शिकायत दर्ज कराने और त्वरित मेडिकल कराए जाने की मांग की है. इस बीच पुलिस की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
किसानों के बीच यूरिया की कमी को लेकर पुरानी असंतोषजनक स्थितियों और हाल के विवादों के मद्देनजर इस घटना ने क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है. यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो इससे सरकार पर भी सवाल उठेगा. (अब्दुल बशीर का इनपुट)
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