उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में रबी फसलों और आलू की बुवाई के इस मौसम में जहां किसान डीएपी खाद की कमी से जूझ रहे हैं, वहीं खाद की कालाबाजारी और तस्करी का बड़ा मामला सामने आया है. हरदोई पुलिस और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में 350 बोरी कृभको इंपोर्टेड डीएपी खाद पकड़ी गई है, जिसे अवैध रूप से जिले में लाया गया था.
जानकारी के अनुसार, सुरसा थाना क्षेत्र के जल्लामऊ तिराहा के पास छापेमारी की गई, जहां तीन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर डीएपी खाद लादी जा रही थी. मौके पर पहुंची कृषि विभाग और पुलिस की टीम ने खाद जब्त की और तीन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को सीज कर दिया.
कृषि विभाग अधिकारियों के अनुसार, पकड़ी गई खाद पर कृभको इंपोर्टेड ब्रांड का टैग है, जिसका हरदोई जिले में कोई आधिकारिक आवंटन नहीं है. इससे यह साफ है कि यह खाद किसी अन्य जिले से अवैध रूप से लाई गई थी. खाद की क्वालिटी भी संदिग्ध पाई गई है, इसलिए इसके नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं.
छापेमारी के दौरान मौके से खाद विक्रेता पवन यादव और उसका भाई रोहित यादव फरार हो गए, जबकि तीन मजदूरों को हिरासत में लिया गया है. पूछताछ में मजदूरों ने बताया कि खाद पवन यादव के गोदाम से ट्रॉली पर लादी जा रही थी.
पुलिस ने दोनों आरोपियों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम (3/7 कमोडिटीज एक्ट) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश शुरू कर दी गई है. पकड़े जाने के बाद इस डीएपी खाद तस्करी नेटवर्क का पूरा खुलासा होने की उम्मीद है.
हरदोई के डीएम अनुनय झा ने कहा, "हमें सूचना मिली कि सुरसा थाना क्षेत्र में 350 बोरी डीएपी अवैध रूप से बेची जा रही है. कृषि विभाग की टीम ने मौके पर कार्रवाई की, और खाद को पुलिस की सुपुर्दगी में दिया गया. आशंका है कि खाद नकली भी हो सकती है, जिसके लिए नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं. पूरे मामले की जांच कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी."
यह मामला साफ दर्शाता है कि किसानों को मिलनी वाली खाद कैसे बाजार में ऊंचे दामों पर बेची जा रही है, और प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर पूरा तंत्र सक्रिय है. कृषि विभाग ने इस पूरे मामले की जड़ तक जाने और सोर्स तक जांच करने की बात कही है.
आरोपियों के पकड़े जाने के बाद डीएपी की आपूर्ति और बिक्री का पूरा नेटवर्क उजागर हो सकेगा. यह भी साफ हो जाएगा कि आखिर किसानों तक पहुंचने वाली खाद कालाबाजारी के लिए कैसे बेची जा रही थी. फिलहाल 350 बोरी डीएपी पकड़े जाने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि आखिरकार किसानों के लिए आई खाद उनके खेतों तक क्यों नहीं पहुंच पा रही है? और कैसे कालाबाजारी का पूरा नेटवर्क सक्रिय है? फिलहाल खाद को पुलिस सुपुर्दगी में दिया गया है और पुलिस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है.
(प्रशांत पाठक का इनपुट)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today