तेलंगाना के खम्मम जिले में शनिवार को उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब यूरिया के लिए लाइन में लगे किसानों ने करेपल्ली पैक्स में एक कृषि अधिकारी पर हमला कर दिया. यहां पर यूरिया के लिए बड़ी संख्या में सोसायटी कार्यालय में किसान इकट्ठा हुए थे. तेलंगाना और आसपास के राज्यों में किसानों को पिछले दो महीने से खाद संकट का सामना करना पड़ रहा है. खरीफ सत्र में किसान यूरिया संकट से गुजर रहे हैं. वहीं राज्य की रेवंत रेड्डी सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया है.
शनिवार को खम्मम में किसानों को सुबह-सुबह यूरिया वितरण के लिए कूपन दिए जाने की सूचना मिलने पर वे पैक्स पहुंचे और लंबी कतारों में खड़े होकर इंतजार करने लगे. जब सभी किसान कूपन के लिए एओ, बट्टू अशोक कुमार के आसपास इकट्ठा हुए तो उसी समय हाथापाई शुरू हो गई. इस हाथापाई में, वह बेहोश हो गए. बाकी अधिकारियों ने एओ को इलाज के लिए स्थानीय सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. कई किसानों ने शिकायत की कि वे सुबह से ही यूरिया के बैग का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उन्हें यूरिया नहीं मिल सका.
खम्मम ग्रामीण मंडल में, गुडीमल्ला, मद्दुलापल्ली, तल्लमपाडु, पल्लेगुडेम, मुथागुडेम, एम वेंकटयापलेम और तीर्थला कास्मा थांडा स्थित पैक्स उप-केंद्रों पर बड़ी संख्या में किसान यह जानने के बाद पहुंचे कि केंद्रों पर 200 से 400 बैग पहुंच चुके हैं. एम. वेंकटयापलेम में किसानों ने अधिकारियों के लिए गुस्से का प्रदर्शन किया. यहां पर अधिकारियों ने किसानों से कहा कि यूरिया केवल उन्हीं को वितरित किया जाएगा, जिन्हें एक हफ्ते पहले टोकन मिला था. ऐसे में कतारों में खड़े बड़ी संख्या में किसानों को खाली हाथ घर लौटना पड़ा.
इससे पहले राज्य नालगोंडा जिले में यूरिया की भारी कमी से बढ़ती निराशा को उजागर करते हुए किसान शुक्रवार को सड़कों पर उतर आए. उन्होंने मांग की कि जल्द से जल्द जरूरी उर्वरक की तत्काल आपूर्ति हो. किसानों ने यहां पर यूरिया संकट को देखते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया. जिले के कुछ इलाकों में सुबह 4 बजे से ही शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों ने खरीफ फसलों पर पड़ने वाले प्रभाव को उजागर किया और किसानों ने पोषक तत्वों की कमी के कारण भारी नुकसान की चेतावनी दी.
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