
हरी सब्जियों में पालक की खेती किसानों के लिए काफी लाभदायक मानी जाती है. लेकिन पालक की तरह दिखने वाली एक और सब्जी है गंगा वाली कुरा जिसे खट्टा पालक या ग्रीन सोरेल भी कहते हैं. गंगा वाली कुरा की खेती जून में करना बेस्ट माना जाता है. ऐसे में ये समय खट्टे पालक की खेती करने के लिए उपयुक्त है. वहीं, अगर आज गंगा वाली कुरा की खेती करना चाहते हैं तो आप इसकी बीज मंगवाकर खेती कर सकते हैं. इस फसल के बीज को आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
मौजूदा वक्त में देश के किसान नकदी फसलों की खेती बड़े पैमाने पर करने लगे हैं. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन खट्टा पालक यानी गंगा वाली कुरा की बीज बेच रहा है. इस बीज को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद कर सकते हैं. साथ ही इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर भी मंगवा सकते हैं.
गंगा वाली कुरा को खट्टा पालक या ग्रीन सोरेल कहा जाता है. यह एक पत्तेदार हरी सब्जी है. इसके पत्ते पालक की तरह चिकने होते हैं, लेकिन इसके तने मोटे और रसीले होते हैं. गंगा वाली कुरा के पत्तों में खट्टा, हरा, और घास जैसा स्वाद होता है. यह विटामिन सी और मिनिरल्स से भरपूर होता है. वहीं, इसे खाने के कई फायदे भी हैं. ये भारत के कई हिस्सों में लोकप्रिय है. वहीं, इसका इस्तेमाल अक्सर करी, सूप और सलाद में किया जाता है.
अगर आप भी गंगा वाली कुरा की खेती करना चाहते हैं तो इसके बीच को खरीद सकते हैं. इसका 10 ग्राम का पैकेट बहुत सस्ते में यानी 20 फीसदी छुट के साथ मात्र 12 रुपये में ऑनलाइन मिल जाएगा. आप इस बीज को ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर मंगवा सकते हैं. साथ ही इस सब्जी की खेती करके बंपर कमाई भी कर सकते हैं.
भारत में गंगा वाली कुरा की खेती तीनों फसल चक्र यानी रबी, खरीफ और जायद में की जाती है. अच्छी जल निकासी वाली हल्की दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए बेस्ट होती है. बात करें इसकी खेती के लिए तो खेती से पहले जुताई के बाद खेत को कुछ समय के लिए ऐसे ही खुला छोड़ दें, जिससे खेत की मिट्टी में अच्छी तरह से धूप लग जाए. चूंकि चुक्का कुरा की फसल की कटाई को कई बार किया जाता है.
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