खरीफ सीजन 2025 में यूरिया की किल्लत से राहत, किसानों को मिलेगा भरपूर खाद

खरीफ सीजन 2025 में यूरिया की किल्लत से राहत, किसानों को मिलेगा भरपूर खाद

उत्तर प्रदेश में खरीफ सीजन 2025 के लिए किसानों को अब यूरिया की कमी से राहत मिलेगी. सरकार ने 301 रैक यूरिया भेजे हैं और कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. जानिए किन जिलों को मिलेगा लाभ और कैसे करें शिकायत.

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खरीफ सीजन 2025 में यूरिया की किल्लत से राहत, किसानों को मिलेगा भरपूर खादअब किसानों को नहीं होगी खाद की किल्लत

खरीफ सीजन 2025 में उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में यूरिया की कमी की खबरों के बीच अब किसानों के लिए राहत भरी खबर है. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस समस्या का समाधान करने में जुटी हुई हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ बुवाई के इस महत्वपूर्ण समय में उर्वरकों की समय पर और पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बड़े स्तर पर कदम उठाए हैं.

301 यूरिया रैक भेजी गई

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने जानकारी दी कि 1 अगस्त से 26 अगस्त 2025 तक केंद्र सरकार ने यूपी के लिए कुल 301 यूरिया रैक भेजी हैं. इनमें से 267 रैक किसानों तक पहुंच चुकी हैं और शेष 34 रैक अगले 2–3 दिनों में जिलों में पहुंच जाएंगी. प्रतिदिन 10–12 रैक की सप्लाई की जा रही है ताकि किसानों की खाद की मांग पूरी हो सके.

इन जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ

27 और 28 अगस्त को भेजी गईं 18 नई रैक इन जिलों के लिए हैं: बस्ती, अलीगढ़, मऊ, अयोध्या, झांसी, जालौन, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर, कानपुर, बाराबंकी, बरेली, मुरादाबाद, हरदोई, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और बदायूं.
यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इन जिलों में खाद की आपूर्ति समय पर और व्यवस्थित ढंग से हो.

खाद की पर्याप्त उपलब्धता

राज्य में अगस्त 2025 तक खाद की यह स्थिति है:

  • यूरिया (Urea): 5,64,865 मीट्रिक टन
  • डीएपी (DAP): 4,07,792 मीट्रिक टन
  • एनपीके (NPK): 3,03,446 मीट्रिक टन

यह आंकड़े साफ दिखाते हैं कि राज्य में खाद की कोई कमी नहीं है और किसान स्थानीय बिक्री केंद्रों से खाद प्राप्त कर सकते हैं.

सभी ब्रांड की खाद एक समान गुणवत्ता की

कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे "भारत यूरिया", "भारत डीएपी" जैसे ब्रांड नामों को लेकर भ्रमित न हों. सभी उर्वरक सरकार द्वारा तय मानकों के अनुसार समान गुणवत्ता वाले हैं. किसान किसी एक ब्रांड पर निर्भर न रहें और आवश्यकता अनुसार नजदीकी केंद्र से खाद प्राप्त करें.

कालाबाजारी और ओवररेटिंग पर सख्त कार्रवाई

सरकार खाद वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठा रही है.

अब तक:

  • 12,653 छापे
  • 3,385 खाद नमूने जांचे गए
  • 35 नमूने अमानक पाए गए
  • 571 लाइसेंस निलंबित, 1,196 लाइसेंस रद्द
  • 111 एफआईआर दर्ज, 11 आरोपी जेल भेजे गए

सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसानों को केवल MRP पर ही खाद मिलेगी. ओवररेटिंग या टैगिंग पाए जाने पर कड़ी सजा दी जाएगी.

छत्तीसगढ़ में कालाबाजारी का मामला

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर में यूरिया की कालाबाजारी करते हुए एक दुकानदार पकड़ा गया. वह यूरिया की बोरी 266 रुपये की बजाय 950 रुपये में बेच रहा था. प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई कर दुकान सील कर दी और विक्रेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की.

शिकायत कहां करें?

  • यदि आपके क्षेत्र में खाद की कालाबाजारी, ओवररेटिंग या जमाखोरी हो रही हो, तो तुरंत शिकायत करें:
  • टोल-फ्री नंबर: 1800-180-1551
  • या फिर नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय से संपर्क करें.

किसानों से अपील

कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की है कि वे सरकार पर भरोसा रखें और फसलों की जरूरत के अनुसार ही खाद का उपयोग करें. अधिक भंडारण करने से अन्य किसानों को परेशानी हो सकती है. सरकार किसानों के हितों की पूरी तरह से रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

खरीफ सीजन 2025 में सरकार ने यूरिया और अन्य उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कई मजबूत कदम उठाए हैं. खाद की कमी से जूझते किसानों को अब राहत मिलेगी और कालाबाजारी पर भी लगाम कस दी गई है. किसान बिना किसी चिंता के अपनी फसल की बुवाई और देखभाल कर सकते हैं.

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