रबी सीजन में फसलों की बुवाई के साथ ही उर्वरकों, उत्तम किस्म के बीजों और कीटनाशकों की मांग बढ़ गई है. पंजाब में किसान जोरों पर गेहूं, जौ, चना और सरसों समेत अन्य फसलों की बुवाई कर रहे हैं. पंजाब के कुछ जिलों किसानों ने खाद की ओवररेटिंग और उपलब्धता नहीं होने की शिकायत की है. खाद खरीदने के लिए विक्रेताओं के यहां किसानों की लंबी लाइनें भी देखी गई हैं. ऐसे में किसानों की समस्या को हल करने के लिए राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जिस पर किसान कॉल करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं और उस पर तेजी से एक्शन लिया जाएगा. जबकि, राज्य सरकार ने निगरानी के लिए उड़न दस्तों का गठन भी किया है.
पंजाब सरकार ने एक हेल्पलाइन शुरू की है और किसानों से उन डीलरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का आग्रह किया है जो उन्हें डीएपी और अन्य उर्वरकों के साथ जबरदस्ती दूसरे उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर करते हैं. हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से किसान किसी भी कीटनाशक डीलर की रिपोर्ट कर सकते हैं. जबकि, कोई विक्रेता किसानों को डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) या अन्य उर्वरकों के साथ दूसरे उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर करता है तो तुरंत एक्शन लिया जाएगा.
पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुदियान के अनुसार हेल्पलाइन के जरिए किसान डीएपी उर्वरक की अत्यधिक कीमत, अवैध जमाखोरी या कालाबाजारी जैसी समस्याओं की भी रिपोर्ट कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि किसान भ्रष्ट आचरण में लिप्त खाद, कीटनाशक डीलरों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं. मंत्री ने कहा कि उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पंजाब में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने रबी सीजन के लिए डीएपी और अन्य उर्वरकों, गुणवत्ता वाले बीजों और कीटनाशकों की निर्बाध और समान उपलब्धता पक्की करने के लिए 5 उड़न दस्ते गठित किए हैं, जो 25 से ज्यादा जिलों में निगरानी करेंगे. इसमें शामिल अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वितरण मानक बनाए रखना है और नियमित जांच के साथ ही नमूने एकत्र कर क्वालिटी की जांच भी करनी है. उड़न दस्ते उर्वरकों की अवैध जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए छापेमारी भी करेंगे. उड़न दस्ते खुदरा और थोक विक्रेताओं के साथ-साथ बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की मैन्यूफैक्चरिंग और मार्केटिंग यूनिट, फर्म का दौरा करेंगे और स्टॉक, क्वालिटी के साथ ही किसानों को बेची जाने वाली कीमतों पर भी निगरानी करेंगे.
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