अब किसानों को किसी भी फसल के बीज खरीदने को लेकर दुकानों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. वे घर बैठे ही बीज के लिए ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं. क्योंकि, राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) ने अब ऑनलाइन बीज बेचने का फैसला किया है. इसके लिए उसने अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को 'माईस्टोर' पर लाने की पहल की है. दरअसल, माईस्टोर एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस है, जो सरकार के ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स से जुड़ा है. ऐसे में किसानों के लिए अब ऑनलाइन बीज खरीदना पहले के मुकाबले ज्यादा आसान हो गया है.
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, एनएससी की इस पहल से देश भर में किसान घर बैठे ही ऑनलाइन बेहतर क्वालिटी के बीज खरीद सकेंगे. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एनएससी के देशभर में 48 क्षेत्रीय कार्यालय, 11 क्षेत्रीय कार्यालय और पांच फार्म हैं. इनमें से 12 कार्यालय और फार्म माईस्टोर प्लेटफॉर्म पर आ गए हैं. खास बात यह है कि इन 12 कार्यालयों ऑनलाइन बीज बेचना शुरू भी कर दिया है.
अधिकारी ने बताया कि शेष कार्यालय सितंबर के पहले सप्ताह तक माईस्टोर प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगे. ये दर्जन भर कार्यालय मध्य प्रदेश के भोपाल, उत्तर प्रदेश के आगरा, कर्नाटक के बेंगलुरु, चिकमंगलूर, धारवाड़, दावणगेरे और रायचूर, हरियाणा के हिसार और करनाल, राजस्थान के जयपुर और ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित हैं. इन कार्यालयों लगभग 211 फसलों के बीज बेचे जाते हैं. लेकिन अभी केवल 88 फसलों के बीज ही माईस्टोर पर बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. बड़ी बात यह है कि एनएससी जो बीच बेचता है, उसमें 38 अनाज और 42 बागवानी फसलें भी शामिल हैं.
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एनएससी ने अब तक 861 सहकारी समितियों और 1,354 किसान उत्पादक संगठनों सहित 5,000 डीलरों के नेटवर्क के माध्यम से बीज उपलब्ध कराए हैं. अधिकारी ने कहा कि यह पहली बार है जब इसने उन्हें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से उपलब्ध कराया है, ताकि दूर-दराज के क्षेत्रों के किसान आसानी से प्रामाणिक बीज खरीद सकें. अधिकारी ने कहा कि बीजों के अलावा, कुछ एनएससी कार्यालय इनडोर और आउटडोर पौधे भी ऑनलाइन बेच रहे हैं. उदाहरण के लिए, भोपाल स्थित एनएससी कार्यालय एग्लोनिमा (लिपस्टिक प्लांट), स्नेक प्लांट हैती, गोल्डन पोथोस (मनी प्लांट), पीस लिली, एलोवेरा और अश्वगंधा जैसे पौधे प्लेटफॉर्म पर बेच रहा है, जहां कोई भी ऑर्डर कर सकता है.
अधिकारी ने कहा कि एनएससी कार्यालयों को शामिल करने से किसान प्रमाणित और गुणवत्तायुक्त बीज खरीदने के लिए सक्षम और प्रोत्साहित होंगे. साथ ही, इससे प्रमुख फसलों के बीज रिप्लेसमेंट अनुपात को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.
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