Natural Farming: क्यों फसलों का सच्चा दोस्त है नीम का पाउडर, ये 5 वजहें जानकर रह जाएंगे हैरान

Natural Farming: क्यों फसलों का सच्चा दोस्त है नीम का पाउडर, ये 5 वजहें जानकर रह जाएंगे हैरान

भारतीय खेती में नीम का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है. आज जब रासायनिक खाद और कीटनाशकों के दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं, तब नीम का पाउडर किसानों के लिए एक सुरक्षित, सस्ता और भरोसेमंद विकल्प बनकर उभरा है. किसान अगर लंबे समय तक टिकाऊ और मुनाफे वाली खेती करना चाहते हैं, तो नीम पाउडर को अपनी खेती का हिस्सा जरूर बनाएं.

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Natural Farming: क्यों फसलों का सच्चा दोस्त है नीम का पाउडर, ये 5 वजहें जानकर रह जाएंगे हैरान

भारतीय खेती में नीम का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है. आज जब रासायनिक खाद और कीटनाशकों के दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं, तब नीम का पाउडर किसानों के लिए एक सुरक्षित, सस्ता और भरोसेमंद विकल्प बनकर उभरा है. नीम का पाउडर न सिर्फ फसलों को कीटों से बचाता है, बल्कि मिट्टी की सेहत भी सुधारता है. यही वजह है कि इसे फसलों का सच्चा दोस्त कहा जाता है. आइए जानते हैं नीम पाउडर के 5 बड़े फायदे, जो हर किसान को जानने चाहिए. नीम का पाउडर आज की खेती के लिए एक वरदान से कम नहीं है. यह सस्ता, असरदार और पूरी तरह सुरक्षित उपाय है, जो फसलों को कीटों से बचाने के साथ-साथ मिट्टी और पर्यावरण की सेहत भी सुधारता है. 

ऑर्गेनिक खेती के लिए बेस्‍ट 

किसान अगर लंबे समय तक टिकाऊ और मुनाफे वाली खेती करना चाहते हैं, तो नीम पाउडर को अपनी खेती का हिस्सा जरूर बनाएं. नीम पाउडर को बुवाई से पहले मिट्टी में मिलाया जा सकता है. आमतौर पर 20 से 25 किलो नीम पाउडर प्रति एकड़ पर्याप्त माना जाता है. इसे खाद के साथ मिलाकर या सीधे खेत में डालकर इस्तेमाल किया जा सकता है. सब्जियों और बागवानी फसलों में इसका उपयोग खासतौर पर फायदेमंद होता है. जानिए आखिर क्‍यों नीम का पाउडर ऑर्गेनिक और नैचुरल खेती के लिए बेस्‍ट है. 

1. रोगों पर प्राकृतिक नियंत्रण

नीम के पाउडर में अजाडिरैक्टिन नामक तत्व पाया जाता है, जो कीटों के लिए बेहद नुकसानदायक होता है. यह कीटों की वृद्धि और प्रजनन क्षमता को रोक देता है. नीम पाउडर का उपयोग करने से दीमक, माहू, सफेद मक्खी, तना छेदक और सूत्रकृमि जैसे कीटों का प्रकोप काफी हद तक कम हो जाता है. खास बात यह है कि इससे मित्र कीटों को नुकसान नहीं होता, जो फसलों के लिए फायदेमंद होते हैं.

2. मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता 

नीम पाउडर केवल कीटनाशक ही नहीं, बल्कि एक अच्छा जैविक उर्वरक भी है. यह मिट्टी में मौजूद लाभकारी सूक्ष्म जीवों को सक्रिय करता है. नीम पाउडर मिट्टी की संरचना को सुधारता है और नाइट्रोजन के अपव्यय को रोकता है. इससे फसलों को लंबे समय तक पोषण मिलता है और उत्पादन क्षमता बढ़ती है.

3. केमिकल्‍स पर निर्भरता कम  

आज खेती में सबसे बड़ी चुनौती बढ़ती लागत है. रासायनिक खाद और कीटनाशक महंगे होने के साथ-साथ जमीन को भी धीरे-धीरे बंजर बना रहे हैं. नीम पाउडर के नियमित इस्तेमाल से किसानों को रासायनिक इनपुट पर कम खर्च करना पड़ता है. यह खेती को टिकाऊ बनाता है और लंबे समय में लागत घटाने में मदद करता है.

4. फसल की गुणवत्ता में सुधार

नीम पाउडर का असर सिर्फ कीट नियंत्रण तक सीमित नहीं रहता. यह फसलों की जड़ों को मजबूत करता है, जिससे पौधे पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित कर पाते हैं. इसका सीधा असर फसल की गुणवत्ता और उत्पादन पर पड़ता है. सब्जियों, दालों, अनाज और बागवानी फसलों में नीम पाउडर के इस्तेमाल से बेहतर आकार और स्वाद वाली उपज मिलती है.

5. पर्यावरण के लिए सुरक्षित

नीम पाउडर पूरी तरह प्राकृतिक है और इसका पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता. रासायनिक कीटनाशकों की तरह यह मिट्टी, पानी और हवा को प्रदूषित नहीं करता. साथ ही, इससे किसानों और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता. यही कारण है कि जैविक खेती को बढ़ावा देने में नीम पाउडर की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है.

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