Cotton Seeds: HT कपास बीजों ने उड़ाई कंपनियों और व्‍या‍पारियों की नींद, जानिए क्‍या है माजरा

Cotton Seeds: HT कपास बीजों ने उड़ाई कंपनियों और व्‍या‍पारियों की नींद, जानिए क्‍या है माजरा

Cotton Farming: खरीफ सीजन में कपास की खेती से पहले बाजार में अवैध HT बीजों की बाढ़ आ गई है, जिससे बीज कंपनियों का व्यापार प्रभावित हो रहा है. मार्केट साइज से अधिक स्टॉक और अवैध बिक्री के कारण कंपनियों को नुकसान और प्रॉफिट में गिरावट की आशंका जताई जा रही है.

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HT कपास बीजों ने उड़ाई कंपनियों और व्‍या‍पारियों की नींद, जानिए क्‍या है माजराबाजार में अवैध एचटी कपास के बीज की आई भरमार (सांकेत‍िक तस्‍वीर)

भारत में हर साल बड़ी संख्‍या में किसान खरीफ सीजन की प्रमुख फसल कपास की खेती करते हैं. इस सीजन में भी किसान कपास की खेती करने के इच्‍छुक नजर आ रहे हैं, लेकिन यहां एक नया पेच फंस गया है. दरअसल, बाजार में अवैध हर्बिसाइड टॉलरेंट (HT) कपास के बीजों की भरमार हो गई है, जो बीज कंप‍नियों को चुनौती दे रहे हैं. बीज कंपनियां रिटेल चैनलों के जरि‍ए अपने बीज बाजार में उतार पातीं, इससे पहले ही अवैध रूप से बाजार में एचटी कपास की बिक्री हो गई, जिससे व्‍यापार को नुकसान पहुंच रहा है. 

मार्केट साइज से ज्‍यादा स्‍टॉक मौजूद

उद्योग को इन बीजों के कारण चुनौति‍यों का सामना करना पड़ रहा है, क्‍योंकि बीज कंपनियों के पास भारी मात्रा में स्टॉक मौजूद है. बीज उद्योग का मार्केट साइज 4-4.5 करोड़ पैकेट का है, जिसमें हर पैकेट में 450 ग्राम बीज होते हैं. जबकि‍, इसके मुकाबले उद्योग के पास लगभग 7 करोड़ पैकेट का स्टॉक रखा हुआ है.

प्रॉफिट पर असर पड़ने की आशंका

अब व्‍यापारियाें को आशंका है कि इससे प्रॉफिट और मार्जिन पर असर पड़ेगा. बीज कंपनियों ने कपास बीज की मांग में बढ़ोतरी की उम्‍मीद के साथ पिछले साल बड़े पैमाने पर उत्‍पादन को प्राथ‍मिकता दी थी, क्‍योंकि, कपास के बीज तैयार करने के लिए एक साल पहले से प्रोडक्‍शन की प्‍लानिंग करनी पड़ती है.

इस साल कपास रकबे में बढ़ोतरी का अनुमान

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक बीज कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि अगले खरीफ मा‍र्केटिंग सत्र की शुरुआत तक ताजा बीज उत्पादन से इन्वेंट्री बढ़कर 8-8.5 करोड़ हो सकती है. बीज कंपनियों के लिए यह कठिन समय है.

वहीं, खरीफ सीजन के शुरुआती दौर में ही तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे कुछ इलाकों में लंबे समय तक सुखाड़ जैसी बाधाओं के बावजूद, कपास की बुवाई आरामदायक दिख रही है. पिछले साल 113.60 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस साल बुवाई में 7 से 8 प्रतिशत बढ़ोतरी का अनुमान है.

HT बीज क्‍या है?

दरअसल, हर्बिसाइड टॉलरेंट बीज तीसरी पीढ़ी की बीटी तकनीक (बेसिलस थुरिंजिएंसिस) से बने बीज हैं, जो जेने‍टिकली मोडिफाई किए जाते हैं. इस तकनीक से बने बीजों पर हर्बिसाइड्स यानी खरपतवारनाशी दवाओं का असर नहीं हाेता. इस वजह से किसान जब इन फसलों पर खरपतवारनाशी दवा छिड़कते हैं तो पौधों पर असर नहीं पड़ता, लेकिन इनके आसपास उगी खरपतवार नष्‍ट हो जाती है.

इससे फसल की ग्रोथ आसान हो जाती है, क्‍योंकि पोषण चुराने वाली खरपतवार खत्‍म हो जाती है. ऐसे में वे किसान जो खरपतवार के कारण खराब उत्‍पादन से परेशान होते हैं, वे इन किस्‍मों को चुन लेते हैं. भारत में विनियामकों की ओर से इसे अनुमति नहीं दी गई है.

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