
इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड यानी इफ्को की पूरी तरह से स्वामित्व वाली नैनोटेक्नोलॉजी कंपनी IFFCO नैनोवेंशंस ने कोयंबटूर के पास थोंडामुथुर में अपने रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग सेंटर में एक इनोवेशन हब खोला है. इस सुविधा को हाल ही में IFFCO के चेयरमैन दिलीप संघानी ने किया है. अधिकारियों ने बताया कि यह नया हब किसानों की मदद करने और टिकाऊ तरीके से खेती की उत्पादकता को बेहतर बनाने के लिए एडवांस्ड टेक्नोलॉजी, खासकर नैनोटेक्नोलॉजी के प्रयोग को बढ़ावा देगा.
इफको नैनोवेंशंस ने नैनो-बेस्ड फर्टिलाइजर जैसे नैनो यूरिया और नैनो DAP बनाए हैं. इनका प्रयोग अब पूरे भारत में किसान कर रहे हैं. इन प्रोडक्ट्स से फसलें पोषक तत्वों को आसानी से सोख लेती हैं. किसानों को कम खाद की जरूरत होती है. फिर भी उन्हें बेहतर फसल मिलती है, जबकि मिट्टी और पानी भी स्वस्थ रहते हैं. कोयंबटूर सेंटर देश की सबसे एडवांस्ड एग्रीकल्चरल नैनोटेक्नोलॉजी सुविधाओं में से एक है. इसमें आधुनिक लैब, पायलट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और फील्ड-टेस्टिंग सुविधाएं हैं.
यहां डेवलप किए गए कई प्रोडक्ट्स को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है और उन्हें फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर में शामिल किया गया है. नया इनोवेशन हब क्लाइमेट-रेज़िलिएंट खेती, मिट्टी के स्वास्थ्य और सस्टेनेबल एग्रीकल्चर पर फोकस करेगा. इवेंट में बोलते हुए, संघानी ने कहा कि क्लाइमेट चेंज और बढ़ती इनपुट लागत जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए कोऑपरेटिव के नेतृत्व वाला रिसर्च बहुत जरूरी है.
उन्होंने अधिकारियों और वैज्ञानिकों से रिसर्च में तेजी लाने और IFFCO के नैनो फर्टिलाइजर को ऐसे टिकाऊ विकल्पों के तौर पर बढ़ावा देने की अपील की है जो मिट्टी की सेहत में सुधार करते हैं और आत्मनिर्भर भारत को सपोर्ट करते हैं. IFFCO नैनोवेंशन्स ने पौधों की ग्रोथ, स्ट्रेस टॉलरेंस और पोषक तत्वों के अवशोषण को बेहतर बनाने के लिए, साथ ही सस्टेनेबल खेती के तरीकों को सपोर्ट करने के लिए, एक नया बायो-स्टिमुलेंट, धरअमृत भी लॉन्च किया है.
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