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देसी गाय खरीदने के लिए 33000 रुपये की सब्सिडी देगी ये राज्य सरकार, गौशाला के लिए भी मिलेंगे 8 हजार

देसी गाय खरीदने के लिए 33000 रुपये की सब्सिडी देगी ये राज्य सरकार, गौशाला के लिए भी मिलेंगे 8 हजार

राज्य सरकार ने गाय खरीदने के अलावा गौशाला बनाने के लिए सब्सिडी मुहैया कराने का फैसला किया है. कहा जा रहा है कि गौशाला का फर्श पक्का करने के लिए 8,000 रुपये की सब्सिडी भी मिलेगी. सरकार को उम्मीद है कि गौपालन से किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी. किसान दूध और इससे बने उत्पाद बेचकर अच्छी कमाई कर सकते हैं.

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देसी गाय के पालन करने पर सरकार देगी सब्सिडी. (सांकेतिक फोटो) देसी गाय के पालन करने पर सरकार देगी सब्सिडी. (सांकेतिक फोटो)

अगर आप किसान हैं और हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ा दे रही है. इसके लिए वह प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को देसी गाय खरीदने पर 33,000 रुपये का अनुदान देगी. सरकार को उम्मीद है कि उसकी इस प्रोत्साहन नीति से राज्य में प्राकृतिक खेती का रकबा बढ़ेगा. साथ ही गौपालन करने से किसानों की कमाई भी बढ़ेगी. किसान दूध, घी, दही और मक्खन बेचने के साथ-साथ गाय के गोबर का इस्तेमाल प्राकृतिक खाद के रूप में कर पाएंगे. 

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने गाय खरीदने के अलावा गौशाला बनाने के लिए सब्सिडी मुहैया कराने का फैसला किया है. कहा जा रहा है कि गौशाला का फर्श पक्का करने के लिए 8,000 रुपये की सब्सिडी भी मिलेगी. दरअसल, हमीरपुर जिले के मंझिआर गांव में प्राकृतिक खेती पर एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया था. इसी दौरान कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) के एक अधिकारी ने ये जानकारी दी.  शिविर के दौरान एटीएमए की सहायक तकनीकी प्रबंधक नेहा भारद्वाज ने कहा कि राज्य में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को देसी गाय खरीदने पर 33,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा. साथ ही गौशाला का फर्श पक्का करने के लिए 8,000 रुपये की सब्सिडी भी दी जाएगी.

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कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए

नेहा ने कहा कि प्राकृतिक खेती में रासायनिक खादों और जहरीले कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से पैदा होने वाली फसलें स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित होती हैं और इससे खेती की लागत भी कम आती है. प्राकृतिक खेती को अपनाकर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि देसी गायों के गोबर और मूत्र से प्राकृतिक खेती के मुख्य घटक जैसे जीवामृत, बीजामृत, धनजीवामृत और देशी कीटनाशक घर पर ही तैयार किए जा सकते हैं.

गौपालन से किसान बन सकते हैं आत्मनिर्भर

इस दौरान नेहा ने देसी नस्ल की गायों जैसे साहीवाल, रेड सिंधी, राठी, थार और पार्कर के बारे में जानकारी दी. उन्होंने राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना के बारे में भी बताया. शिविर में किसानों को मटर के बीज वितरित किए गए. नेहा भारद्वाज ने कहा कि गौपालन से किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी. किसान दूध और इससे बने उत्पाद बेचकर अच्छी कमाई कर सकते हैं. साथ ही शुद्ध खाना भी खाने को मिलेगा. उनकी माने तो गौपालन से किसान आत्मनिर्भर बन सकते हैं. 

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