हरियाणा में खाद की कमीहरियाणा में DAP खाद की कमी है का संकट लगातार जारी है. दरअसल, हिसार जिले में खाद की कमी कारण किसानों को ऐजेंसी सैटरो से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. किसानों को खाद न मिलने के कारण दिक्कते हो रही हैं. विक्रेता ऐजेसियों ने बाहर बोर्ड पर स्पष्ट तौर से लिख दिया है कि ड़ीएपी खाद नहीं है. किसान सत्यवान कली राम ने बताया कि वो हिसार मंडी डीएपी खाद लेने आए हैं. लेकिन उन्हें डीएपी खाद नही मिली रही है. उन्होंने कहा कि अभी किसानों को डीएपी खाद की जरूरत है. लेकिन उसकी दूसरी खाद दी जा रही है, जो फसलों के लिए इतनी कारगर नही नही है. वहीं, किसानों की हरियाणा सरकार से मांग है कि किसानों को डीएपी खाद उपलब्ध करवाई जाए.
हिसार अनाज मंडी में दी हिसार कोपरेटीव सोसायटी लिमिटेड के सैल्स मैन अनिल गोदारा ने कहा कि 13 नवंबर को DAP एक हजार बैग आए थे जो किसानों को दे दिए गए है. वहीं, दस दिनो से डीएपी खाद नहीं आई है. उन्होने कहा कि प्रदेश में डीएपी कम आ रही है. उसकी जगह पर किसानों को सरकार ने डीएसपी खाद उपलब्ध करवाई है बता दें कि डीएसीपी खाद में फास्ट फेट होता है जो गेहूं और सरसों के लिए उपयोगी है.
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इस मामले को लेकर हिसार के सांसद जयप्रकाश ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के गलत प्रबंधन से डीएपी खाद की किल्लत है. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. सांसद ने कहा कि हिसार जिले में 5.5 लाख एकड़ गेहूं की बुवाई के लिए 25 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद की जरूरत है. लेकिन अभी तक 15 हजार मीट्रिक टन ही खाद आई है. उन्होंने कहा कि जब पहले से ही खाद कम आई है तो किसानों कैसे खाद मिलेगी.
सांसद ने आरोप लगाया कि डीएपी खाद ब्लैक में बेची जा रही है वे इस मामले को में संसद भवन में उठाएंगे. उन्होंने कहा कि किसानों को डीएसपी खाद के नाम पर तीन से पांच सौ रुपये प्रति बैग लूटा जा रहा है. वहीं, प्रदेश सरकार के किसानों तक डीएपी खाद पहुंचाने में फेल हो गई है. प्रदेश के किसान बिना मजबूरी के डीएपी खाद की बुवाई कर रहे हैं.
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