
बरसीम की 'मसकावी' वैरायटीबरसीम रबी सीजन में बोई जाने वाली एक प्रमुख चारा फसल है, जो दलहन फसल की श्रेणी में आती है. बरसीम को चारा फसल का राजा भी कहा जाता है. बरसीम की बुआई अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से लेकर नवंबर तक की जाती है. साथ ही किसान इस फसल की खेती कर चारा बेचकर भी अच्छी कमाई कर सकते हैं. वहीं, पशुओं के लिए बरसीम एक पौष्टिक आहार होता है. साथ ही पशुओं को ये चारा खिलाने से उनके दूध में बढ़ोतरी भी होती है. ऐसे में अगर आप भी पशुओं को खिलाने के लिए बरसीम की खेती करना चाहते हैं तो नीचे दी गई जानकारी की सहायता से इसके मसकावी किस्म के बीज मंगवा सकते हैं.
पशुपालकों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन पोषक तत्वों से भरपूर बरसीम की मसकावी किस्म के बीज बेच रहा है. इस चारे की बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों के लिए कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
मसकावी बरसीम की एक खास किस्म है. इस किस्म की खेती ठंड के साथ गर्मी के मौसम में भी की जा सकती है. अगेती पैदावार पाने के लिए यह उपयुक्त किस्म है. इसकी पहली कटाई बुवाई के 50 से 60 दिनों बाद की जा सकती है. वहीं, इसकी खेती से प्रति हेक्टेयर 600-1000 क्विंटल चारे की उपज होती है. साथ ही इस किस्म की ये खासियत है कि इसे एक बार बोने पर 4 से 5 बार कटाई की जा सकती है.

अगर आप भी अपने पशुओं के लिए बरसीम की खेती करना चाहते हैं और बीज खरीदना चाहते हैं तो 2 किलो का पैकेट फिलहाल 1 फीसदी छूट के साथ 690 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से अपने पशुओं को संतुलित आहार वाली बरसीम का चारा खिला सकते हैं.
बरसीम हरा चारा दुधारू पशुओं के लिए पौष्टिक और रसीला होता है. इसके पौधे में शुष्क पदार्थ की पाचनशीलता 70 फीसदी और 21 फीसदी तक प्रोटीन की मात्रा होती है. यही वजह है कि इसे खिलाना पशु के स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है. साथ ही इससे गाय और भैंस के दूध में वृद्धि होती है. इस वजह से बरसीम चारे की मांग मार्केट में बनी रहती है. ऐसे में किसान इसे उगाकर अपने पशुओं को खिलाने के अलावा इसे बेचकर मुनाफा भी कमा सकते हैं.
बरसीम की खेती के लिए दोमट या चिकनी दोमट मिट्टी बेहतर होती है, जिसमें पानी की निकासी अच्छी हो. वहीं, बुवाई से पहले खेत को अच्छी तरह जुताई करके समतल करें और सड़ी हुई गोबर की खाद डालें. इसके बाद बीज को बुवाई से पहले राइजोबियम कल्चर से उपचारित करें. बीज को छिटककर बोएं और पहली कटाई 40 से 50 दिनों बाद कर सकते हैं.बता दें कि इसकी खेती अक्टूबर-नवंबर में की जाती है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today