सही खाद की जानकारी है जरूरीभारत एक कृषि प्रधान देश है, और खेती को सफल बनाने के लिए मिट्टी की उर्वरता और पौधों की सही वृद्धि बेहद जरूरी है. इसके लिए खाद का सही चुनाव बहुत मायने रखता है. अगर किसान फसल की जरूरत और मिट्टी की जांच के अनुसार खाद डालें, तो उत्पादन में 15–20% तक की बढ़ोतरी हो सकती है. आज के समय में DAP, TSP, SSP और NPK जैसी खादें सबसे ज्यादा उपयोग की जाती हैं. आइए जानें, इन खादों में क्या अंतर है और कौन-सी खाद किस फसल के लिए सबसे असरदार है.
ये चारों रासायनिक खाद पौधों को नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P) और पोटेशियम (K) जैसे मुख्य पोषक तत्व प्रदान करती हैं.
DAP सबसे लोकप्रिय खाद है क्योंकि यह फसल को शुरुआती विकास के समय दो जरूरी पोषक तत्व देती है.
फायदे:
SSP सबसे पुरानी और सस्ती खादों में से एक है, जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में किसान काफी पसंद करते हैं.
फायदे:
NPK एक मिश्रित खाद है जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम तीनों का संतुलित अनुपात होता है (जैसे 10:26:26 या 14:35:14).
फायदे:
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसान soil health card के अनुसार खादों का चयन करें, तो फसल की उत्पादकता 15% तक बढ़ाई जा सकती है. इसलिए, खाद डालने से पहले मिट्टी की जांच करवाना और फसल की जरूरत के अनुसार उर्वरक का चयन करना खेती को और अधिक लाभदायक बना सकता है.
भारत में खेती को सफल बनाने के लिए सही खाद का चुनाव सबसे जरूरी कदम है. चाहे DAP हो, TSP, SSP या NPK – हर खाद की अपनी खासियत है. अगर किसान समझदारी से सही समय पर और सही मात्रा में खाद का उपयोग करें, तो मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी, फसल बेहतर होगी और खेती अधिक लाभदायक बनेगी.
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