केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुलासा कर दिया कि किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार ऐसा कानून ला रही है जिससे कोई भी व्यक्ति नकली खाद और नकली दवाई बनाने के काम में नहीं लगेगा. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नकली बीज, नकली खाद और नकली दवाइयों के विरुद्ध हम कड़ा कानून ला रहे हैं. कानून में किसानों के साथ धोखा करने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा.
विकसित कृषि संकल्प अभियान के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, किसानों ने नकली खाद और नकली दवाई यानी पेस्टिसाइड को लेकर शिकायत की. इस पर मैं किसान भाइयों और बहनों को कहना चाहता हूं कि हम नकली खाद और दवाई के खिलाफ कड़ा कानून ला रहे हैं. अभी तक यही होता था कि नकली खाद और नकली पेस्टिसाइड निकल गया तो जुर्माना देकर छूट जाते थे. घटिया माल बनाकर कमा लेते थे और पकड़ गए तो जुर्माना देकर छूट जाते थे.
कृषि मंत्री ने कहा, अब ऐसा कानून बनेगा कि जिसने किसान के साथ धोखा किया उसे छोड़ेंगे नहीं. हम इसकी तैयारी कर रहे हैं. विकसित कृषि संकल्प अभियान के बारे में कृषि मंत्री ने कहा कि ICAR के वैज्ञानिक अनुसंधान भी करेंगे और केंद्र सरकार की हर योजना दिल्ली में किसानों के लिए लागू की जाएगी. विकसित कृषि संकल्प अभियान एक नई शुरुआत है. हमने मंत्र दिया है एक देश, एक खेती और एक टीम, ये किसानों के साथ मिलकर काम करेगी ताकि हम उत्पादन बढ़ा सकें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में विकसित खेती और समृद्ध किसान का अभियान चल रहा है.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब कुछ दिन पहले ही राजस्थान में नकली खाद और नकली बीज का भंडाफोड़ हुआ था. राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा खुद ही बीज और खाद भंडारों पर गए थे और छापेमारी की थी. इसमें कई जगह नकली खाद और बीज बनाने का सामान जब्त हुआ. इसके बाद राजस्थान सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन भंडारों को सील कर दिया और कानूनी कार्यवाही का आदेश दिया.
सरकार भी इस बात को मानती रही है कि किसानों और खेती के लिए नकली खाद, बीज और दवाई बड़ी समस्या हैं. इससे फसल उत्पादन तो घटता ही है, किसानों को भी भारी नुकसान होता है. ऐसी खबरें आती हैं कि किसान बाजार से पूरे पैसे देकर खाद और बीज खरीद लाते हैं, लेकिन जब फसल होने की बारी आती है तो खेत खाली रह जाता है. इससे किसानों को भारी नुकसान होता है. इसके खिलाफ कानून है लेकिन वह कमजोर है जिसमें गलती करने वाला मामूली जुर्माना देकर बच जाता है. सरकार इसके खिलाफ अब कड़ा कानून ला रही है.
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