
सब्जियों में लहसुन की भूमिका काफी अहम होती है. इसलिए लहसुन का इस्तेमाल हर घर में मसाले के तौर पर किया जाता है. वहीं, लहसुन की बुवाई का सबसे सही समय सितंबर से अक्टूबर तक माना जाता है. लागत कम और मुनाफा ज्यादा होने के कारण लहसुन को नकदी फसल भी कहा जाता है. यही वजह है कि आजकल अधिकतर किसान इसकी खेती की ओर रुख कर रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी लहसुन की खेती करना चाहते है तो सस्ते में इस सरकारी संस्थान से इसका बीज खरीद सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे?
किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर नकदी फसलों की खेती बड़े पैमाने पर करने लगे हैं. इससे किसानों की बंपर कमाई भी हो रही है. इसलिए किसान बड़े स्तर पर लहसुन की खेती कर रहे हैं. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन लहसुन की बीज बेच रहा है. इस बीज को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर से ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर भी मंगवा सकते हैं.
लहसुन की CITH Garlic-1 (सीआईटीएच-जी-1) आईसीएआर-सीआईटीएच (ICAR-CITH) किस्म श्रीनगर द्वारा विकसित की गई है. ये किस्म पहाड़ी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त माना जाता है. ऐसे में इस किस्म की खेती सबसे अधिक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में की जाती है. इस किस्म के लहसुन की गांठे सफेद, सुगठित और मध्यम के आकार की होती हैं. हर गांठ में 15-20 कलियां पाई जाती हैं. यह किस्म बिजाई के 160-180 दिनों में पक कर तैयार होती है. वहीं, इसकी पैदावार 40 से 45 क्विंटल प्रति एकड़ है.
अगर आप भी लहसुन की खेती करना चाहते हैं तो इसके 500 ग्राम के पैकेट का बीज फिलहाल 17 फीसदी छूट के साथ मात्र 165 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से लहसुन की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
लहसुन के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. मिट्टी का pH स्तर 6-7 के बीच होना चाहिए. वहीं, बुवाई से पहले खेत की 2-3 बार जुताई करें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए. वहीं, बुआई के लिए सामान्य तौर पर करीब 4 फुट लंबी और 8 सेमी चौड़ी क्यारियां पूरे खेत पर बनाकर लहसुन की एक-एक कलियों की लगा सकते हैं. साथ ही इस बात का ध्यान दें कि एक कली से दूसरे की दूरी 7-9 सेमी होनी चाहिए.
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