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गुलाब के फूलों की संख्या बढ़ाने के लिए जरूरी हैं ये तीन खाद, बीमारियों से भी मिलेगा छुटकारा

गुलाब के फूलों की संख्या बढ़ाने के लिए जरूरी हैं ये तीन खाद, बीमारियों से भी मिलेगा छुटकारा

गुलाब एक बारहमासी पौधा है. इसके पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए आवश्यक जलवायु का होना आवश्यक है. पौधारोपण के समय वातावरण का ठंडा रहना जरूरी है. जलवायु के अंतर्गत पौधों की वृद्धि के लिए प्रकाश, तापमान, आर्द्रता और कार्बन डाइऑक्साइड बहुत महत्वपूर्ण है.

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गुलाब के फूलों में करें इस खाद का इस्तेमाल गुलाब के फूलों में करें इस खाद का इस्तेमाल

अच्छी गुणवत्ता वाले फूलों और अधिक उपज के लिए गुलाब को बड़ी मात्रा में पोषण की आवश्यकता होती है. पोषण की सही मात्रा सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर मिट्टी का परीक्षण कराना चाहिए. पौधों की अच्छी वृद्धि में नाइट्रोजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. जब पौधों में नाइट्रोजन की कमी हो जाती है तो इसकी पत्तियां हल्की हरी हो जाती हैं. गुलाब के पौधे नाइट्रोजन को नाइट्रेट के रूप में लेते हैं. फॉस्फोरस पौधों की जड़ों के विकास के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पोषक तत्व है. फॉस्फोरस की पूर्ति के लिए इसे सुपर फॉस्फेट या कैल्शियम फॉस्फेट के रूप में दिया जा सकता है.

पोटाश बढ़ाता है गुलाबों की गुणवत्ता

पोटाश गुलापोटाश ब के फूलों की गुणवत्ता बढ़ाने और फफूंद जनित रोग पाउडरी मिल्ड्यू के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत उपयोगी है. गुलाब के पौधों के लिए मैग्नीशियम, मैंगनीज, बोरान, सल्फर जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व आवश्यक हैं. गुलाब के पौधों की वृद्धि और अधिक मात्रा में गुणवत्तापूर्ण फूलों के उत्पादन के लिए पोषक तत्वों को प्रतिदिन ड्रिप सिंचाई के पानी से देना चाहिए.

जानें कब होती है खाद की जरूरत?

पोषक तत्वों की कुल मात्रा का आधा हिस्सा फूल उत्पादन के दौरान देना चाहिए और जब पौधा सोते हुए अवस्था में हो या फूल उत्पादन में न हो तो पोषक तत्वों की कुल मात्रा का आधा हिस्सा देना चाहिए. आमतौर पर गुलाब के पौधों के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश प्रत्येक का 200 पीपीएम का घोल अधिक फायदेमंद पाया गया है. मिट्टी का पीएच मान बढ़ने पर गुलाब की क्यारियों में वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग किया जा सकता है.

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क्या है पाउडरी मिल्ड्यू रोग?

गुलाब के पौधों पर चूर्णी फफूंदी का प्रकोप अक्सर देखा जाता है. इससे प्रभावित पौधों की पत्तियों के ऊपरी भाग पर सफेद पाउडर जमा हो जाता है. तेज हवा चलने पर पाउडर एक पौधे से दूसरे पौधे में फैलता रहता है. बाद में प्रभावित पत्तियां टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं और उन पर भूरे धब्बे दिखाई देने लगते हैं. इसका प्रकोप अधिक आर्द्रता और कम तापमान होने पर देखने को मिलता है. पॉलीहाउस में गुलाब के पौधों पर चूर्णी फफूंदी का प्रकोप कम होता है. इसकी रोकथाम के लिए गुलाब के पौधों पर कैराथेन 0.1 प्रतिशत या क्लेविजेन 0.03 प्रतिशत के घोल का छिड़काव करना चाहिए.

गुलाब की खेती के लिए जलवायु

गुलाब एक बारहमासी पौधा है. इसके पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए आवश्यक जलवायु का होना आवश्यक है. पौधारोपण के समय वातावरण का ठंडा रहना जरूरी है. जलवायु के अंतर्गत पौधों की वृद्धि के लिए प्रकाश, तापमान, आर्द्रता और कार्बन डाइऑक्साइड की एकाग्रता बहुत महत्वपूर्ण है.

वृद्धि के लिए रौशनी की जरूरत

गुलाब के पौधों की वृद्धि और विकास पर प्रकाश का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है. गुलाब को न तो प्रकाश की अधिक और न ही कम अवधि की आवश्यकता होती है लेकिन प्रकाश की तीव्रता अधिक होनी चाहिए. ऐसा पाया गया है कि यदि प्रकाश की तीव्रता और तापमान कम हो तो गुलाब में फूल नहीं आते हैं.