पारंपरिक खेती में लगातार कम हो रहे मुनाफे को देखते हुए किसान अब नई और लाभदायक फसलों की ओर रुख करने लगे हैं. इसी कड़ी में किसानों को फूलों की खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है. इतना ही नहीं गुलाब की खेती के लिए सरकार अपने स्तर पर किसानों को सब्सिडी भी देती है. ऐसे में अगर आप भी गुलाब की खेती कर लाभ कमाना चाहते हैं तो आपको इस खास विधि के बारे में जानना जरूरी है. क्या है वो विधि आइए जानते हैं.
गुलाब की खेती के लिए इसके पौधों की छंटाई बहुत जरूरी है. रोपण के बाद इसके पौधों से नई शाखाएं निकलती हैं. इन सभी शाखाओं को नीचे से 8-10 सेमी काट देना चाहिए. ऐसा करने से प्रत्येक पौधे से कई नई शाखाएं निकलती हैं और जब पौधों पर अधिक शाखाएं होती हैं, तो फूलों की पैदावार बढ़ जाती है. जब इस प्रकार पौधों पर अधिक शाखाएं विकसित हो जाती हैं, तो प्रत्येक पौधे से 3 से 4 स्वस्थ शाखाएं झुकने वाले स्थान से लगभग 10 से 12 सेमी की दूरी पर हटा दी जाती हैं.
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इस प्रकार नये गुलाब के पौधों की कटाई और छंटाई सही समय पर की जाती है. गुलाब की कटाई और छंटाई का समय मैदानी क्षेत्रों में सितम्बर से अक्टूबर माह में और पहाड़ी क्षेत्रों में मार्च माह में किया जाता है. छंटाई के समय सूखी शाखाओं को काट देना चाहिए. गुलाब की पतली शाखाओं को फूल उत्पादन के लिए ट्रेन नहीं करना चाहिए. पौधों की छंटाई के तुरंत बाद फफूंदनाशी कैप्टान 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए. ताकि गुलाब के पेड़ों पर कीटों का खतरा ना रहे.
पॉलीहाउस में गुलाब की खेती में खरपतवार की समस्या बहुत कम होती है. क्यारियों की ऊपरी सतह की मिट्टी की हल्की निराई-गुड़ाई महीने में एक बार करनी चाहिए. गुड़ाई करने से मिट्टी भुरभुरी रहती है तथा मिट्टी की जल संचयन क्षमता भी बढ़ती है. निराई-गुड़ाई करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गुलाब की पतली जड़ें न टूटे, इसलिए हल्की निराई-गुड़ाई करनी चाहिए.
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