बिहार समेत कई राज्यों में आजकल खाद संकट है. किसानों को खाद के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ रहा है. कहीं-कहीं तो लंबी-लंबी लाईन को लगाने के बावजूद पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रही है. वही रबी सीजन की शुरुआत से ही किसान खाद के लिए परेशान हैं. खाद संकट की समस्या के बीच आइए आज हम आपको खाद के इस्तेमाल से जुड़ी एक दिलचस्प बात बताते हैं. दरअसल, ऐसी धारणा है कि भारत के किसान खेती में बहुत ज्यादा खाद का इस्तेमाल करते हैं, जबकि ऐसा नहीं है. अगर वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों की मानें तो एशिया में सबसे ज्यादा मलेशिया के किसान खाद का इस्तेमाल करते हैं. आंकड़ों के अनुसार मलेशिया के किसान एक हेक्टेयर में 19 क्विंटल से अधिक खाद का इस्तेमाल करते हैं. आइए जानते हैं कि इस मामले में भारत समेत पाकिस्तान के क्या हालात हैं.
वर्ल्ड बैंक के अनुसार भारतीय किसानों के द्वारा खेती के दौरान प्रति हेक्टेयर 209 किलो खाद का इस्तेमाल किया जाता है. जोकि एशिया में शामिल देश पाकिस्तान और थाईलैंड के किसानों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले खाद से ज्यादा है और मलेशिया से कम है. वहीं, पड़ोसी देश चीन में किसानों के द्वारा प्रति हेक्टेयर 383 किलो खाद का इस्तेमाल खेती-किसानी के दौरान किया जाता है. जोकि भारत, पाकिस्तान, थाईलैंड, इंडोनेशिया, जापान और बांग्लादेश के किसानों द्वारा खेती में इस्तेमाल किए जाने वाले खाद से ज्यादा है और मलेशिया से कम है.
देश | खाद खपत (किलोग्राम प्रति हेक्टेयर) |
भारत | 209 |
पाकिस्तान | 155 |
इसी प्रकार थाईलैंड के किसानों द्वारा खेती-किसानी में प्रति हेक्टेयर लगभग 143 किलो खाद का इस्तेमाल किया जाता है. जोकि एशिया में शामिल लगभग सभी देशों से कम है. वही इंडोनेशिया के किसानों द्वारा प्रति हेक्टेयर 248 किलो खाद का इस्तेमाल खेती-किसानी में किया जाता है, जोकि भारत से ज्यादा और चीन, बांग्लादेश और जापान से कम है.
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वहीं जापान के किसानों द्वारा कृषि में प्रति हेक्टेयर लगभग 238 किलो खाद का इस्तेमाल किया जाता है, जोकि भारत से ज्यादा और मलेशिया से कम है. जबकि बांग्लादेश के किसानों के द्वारा प्रति हेक्टेयर लगभग 321 किलो का इस्तेमाल किया जाता है, जोकि भारत से ज्यादा और चीन से कम है. इसी प्रकार वियतनाम के किसानों द्वारा कृषि में प्रति हेक्टेयर लगभग 468 किलो खाद का इतेमाल किया जाता है, जोकि एशिया में शामिल देशों में मलेशिया को छोड़कर लगभग सबसे ज्यादा है.
देश | खाद खपत (किलोग्राम प्रति हेक्टेयर) |
मलेशिया | 1952 |
वियतनाम | 468 |
चीन | 321 |
बांग्लादेश | 238 |
जापान | 238 |
इंडोनेशिया | 248 |
भारत | 209 |
पाकिस्तान | 155 |
थाईलैंड | 143 |
Source : World Bank 2020
ध्यान देने वाली बात यह है कि रासायनिक खादों का ज्यादा इस्तेमाल करने से मिट्टी की सेहत धीरे-धीरे खराब होने लगती है. साथ ही जमीन का पानी भी जहरीला होने लगता है. जिसका प्रभाव मानव शरीर पर भी प्रभाव पड़ता है. यही वजह है कि दुनियाभर की सरकारों के द्वारा किसानों से खेतों में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के कम इस्तेमाल करने के लिए अपील हमेशा से किया जाता रहा है.
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