रबी सीजन की फसलों की बुवाई की शुरुआत होते ही यूरिया और डीएपी खाद की मांग में इजाफा हुआ है. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि किसानों को खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी. उन्हें सब्सिडी के साथ भरपूर खाद उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं, कई राज्यों में खाद के बैग के साथ टैग कर दूसरे प्रोडक्ट खरीदने का दबाव किसानों पर बनाए जाने की शिकायतें मिल रही हैं. ऐसा करने वाली सहकारी समितियों या निजी विक्रेताओं पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. राजस्थान सरकार ने तो ऐसा करने वाले विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक्शन मोड में आ गई है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम मोदी किसानों को खाद की कमी होने देने और सस्ती कीमत में खाद देने के लिए एनबीएस सब्सिडी को मंजूरी दे दी है. बीते माह कैबिनेट रबी फसल सत्र 2024-25 अक्तूबर से मार्च तक के लिए फॉस्फेटिक और पोटैसिक (पीएंडके) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को स्वीकृति दे दी है. इसके लिए लगभग 24,475.53 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
फॉस्फेटिक और पोटैसिक (पीएंडके) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी मिलने से किसानों को रियायती, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. केंद्र सरकार की ओर से किसानों को यूरिया के एक बैग पर 2,100 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है. जबकि, डीएपी खाद के एक बैग पर 1,083 रुयपे की सब्सिडी किसानों को देने का निर्णय लिया गया है. केंद्रीय कृषि मंत्री के अनुसार सरकार का प्रयास है कि किसानों को यूरिया और डीएपी की कोई कमी ना हो. राज्यों को उनकी मांग के अनुसार उर्वरकों का आवंटन कर दिया गया है.
उधर, राजस्थान सरकार ने उर्वरकों के साथ दूसरे उत्पाद खरीदने का दबाव किसानों पर बनाने वाले विक्रेताओं पर सख्त एक्शन के निर्देश दिए हैं. जबकि, ऐसे विक्रेताओं को पकड़े जाने पर जेल भेजने को भी कहा गया है. राज्य की कृषि आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने बताया कि उर्वरक विक्रेताओं की ओर से यूरिया, डीएपी, एसएसपी एवं एनपीके उर्वरकों के साथ अन्य उत्पाद सल्फर, हर्बीसाईड, पेस्टीसाईड, सूक्ष्म तत्व मिश्रण, बायोफर्टिलाइजर आदि उत्पाद किसानों के नहीं चाहने पर भी टैगिंग कर बेचे जा रहे हैं, जो कि अनुचित है. ऐसा करते पकड़े जाने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है. उन्होंने ने जिलों के कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि उर्वरक विक्रेताओं के यहां समय-समय पर निरीक्षण कर उर्वरकों के विक्रय पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं.
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