पंजाब में 6 लाख रुपये का नकली कीटनाशक जब्त, अब FIR दर्ज कर आरोपियों पर होगी कार्रवाई

पंजाब में 6 लाख रुपये का नकली कीटनाशक जब्त, अब FIR दर्ज कर आरोपियों पर होगी कार्रवाई

पंजाब में नकली कीटनाशकों की बिक्री हो रही है. कृषि विभाग ने डंडीवाल बीज भंडार पर छापा मारा और 6 लाख रुपये से अधिक का नकली कीटनाशक जब्त किया है. अब प्रशासन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्जकर कार्रवाई करेगी. साथ ही नमूने भी जांच के लिए भेज दिए गए हैं.

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पंजाब में 6 लाख का नकली कीटनाशक जब्त, अब होगी कार्रवाई नकली कीटनाशक का भंडाफोड़. (सांकेतिक फोटो)

पंजाब के कृषि विभाग ने सोमवार को मानसा के झंडूके गांव में अवैध कीटनाशकों का बड़ा स्टॉक जब्त किया. कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां ने बताया कि गुणवत्ता नियंत्रण अभियान के तहत मुख्य कृषि अधिकारी मानसा के नेतृत्व में एक टीम ने झंडूके के डंडीवाल बीज भंडार पर छापा मारा और 6 लाख रुपये से अधिक कीमत का 8.82 क्विंटल 29 लीटर कीटनाशक जब्त किया. मंत्री ने बताया कि अवैध कीटनाशकों का जब्त स्टॉक वुडलैंड क्रॉप साइंस, मार्श फर्टिकैम लिमिटेड (मार्केटिंग) और मॉडर्न क्रॉप साइंस, कैनेसी क्रॉप केमिकल प्राइवेट लिमिटेड और क्रॉपवेल एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड का है.

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कीटनाशक अधिनियम 1968 और नियम 1971 के अनुसार विभिन्न कीटनाशकों के कुल छह नमूने भी एकत्र किए गए हैं और विभाग ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. कृषि विभाग ने हाल ही में राज्य में सहकारी समितियों को घटिया डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की आपूर्ति करने के लिए दो उर्वरक कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. खुदियां ने कहा कि कृषि विभाग ने राज्य भर में गुणवत्ता नियंत्रण अभियान शुरू किया है और 2024-25 के दौरान 4,500 कीटनाशकों के नमूनों का परीक्षण करने का लक्ष्य रखा है.

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अब तक 1009 नमूने एकत्र किए गए

उन्होंने कहा कि अब तक 1,009 नमूने एकत्र किए गए हैं और 18 गलत ब्रांड के पाए गए हैं. विभाग ने 18 जुलाई को बठिंडा से 1,200 लीटर कीटनाशक जब्त किए. जब्त किए गए कीटनाशकों का स्टॉक वुडलैंड एग्रीटेक इंडिया (एचआर), कैथल द्वारा राज्य में कीटनाशकों की बिक्री के लिए आवश्यक लाइसेंस प्राप्त किए बिना बठिंडा गांव में वितरित करने के लिए बनाया गया था. खास बात यह है कि इस मामले में जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज की जा चुकी है.

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बता दें कि बीते जुलाई महीने में खबर सामने आई थी कि पंजाब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने सहकारी समितियों को घटिया डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की आपूर्ति करने वाली दो उर्वरक कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. खास बात यह है कि विभाग ने जिन फर्मों के लाइसेंस रद्द किए हैं, उनका नाम मेसर्स मध्य भारत एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड और मेसर्स कृष्णा फॉशम प्राइवेट लिमिटेड है. कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां ने कहा कि कंपनियों द्वारा मार्कफेड को आपूर्ति किए गए डीएपी स्टॉक से 40 नमूने एकत्र किए गए थे. इनमें से 24 नमूने उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के अनुसार घटिया गुणवत्ता के पाए गए थे. 

आवक पर नजर रखी जा रही है

तब कृषि एवं किसान कल्याण निदेशक जसवंत सिंह ने बताया था कि गुणवत्ता नियंत्रण अभियान के तहत अब तक उर्वरकों के 1,004 नमूने एकत्रित कर जांच के लिए विभिन्न प्रयोगशालाओं में भेजे गए हैं. कृषि मंत्री ने कृषि निदेशक को निर्देश दिए कि वे किसानों को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध करवाने के लिए कृषि आदानों की आपूर्ति की समीक्षा करें. निदेशक ने बताया था कि जिलों में लक्ष्य के अनुसार उर्वरकों की सैंपलिंग की जा रही है तथा डीएपी (18:46) और अन्य उर्वरकों की आवक पर नजर रखी जा रही है.

 

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