फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून समेत कई अन्य मांगों को लेकर किसान 13 फरवरी से आंदोलन कर रहे हैं. किसान वर्तमान में पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी सीमाओं पर डटे हुए हैं. बीते सप्ताह किसानों ने नेता प्रतिपक्ष राहुत गांधी से मुलाकात कर अपने मुद्दों पर बात की थी और उनसे समर्थन मांगा था. किसानों का मुद्दा लोकसभा में भी छाया हुआ है. अब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि किसानों के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में फसलों की एमएसपी खरीद को लेकर गांरटी कानून लाने की मांग कर रहे किसानों को आंदोलन करते हुए करीब 6 महीने हो गए हैं. पुलिस ने किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए रास्तों पर कीलें गाड़ दी हैं और बैरिकेडिंग लगा दिए हैं. इस वजह से किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं. बीते दिनों किसानों के प्रतिनिधियों ने कांग्रेस के सांसदों और अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर से मुलाकात की थी. सांसदों ने किसानों के मुद्दे पर सरकार को लोकसभा में खूब घेरा है. राहुल गांधी, चरणजीत सिंह चन्नी, राघव चड्ढा समेत कई सांसदों ने बीते दिनों संसद के दोनों सदनों में सरकार को आड़े हाथों लिया है.
अपनी मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसानों के हित में समाधान के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं. वे किसानों का एक बहुत छोटा वर्ग हैं. देश भर के किसान खुश हैं और मोदी सरकार का समर्थन करते हैं, अन्यथा हम इतने बड़े जनादेश के साथ वापस नहीं आ सकते थे.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यूपीए ने अपनी सरकार के 10 वर्षों में क्या किया? मैंने उनकी सरकार के 10 भाषण पढ़े हैं. उन्होंने कभी भी एमएसपी पर कानूनी गारंटी लाने का जिक्र नहीं किया. उन्होंने कभी भी गरीबों के उत्थान के बारे में नहीं कहा.
किसान मजदूर संघर्ष समिति और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले बीते सप्ताह किसान नेताओं ने दिल्ली के कॉस्टीट्यूशन क्लब में राष्ट्रीय सम्मेलन किया था, जिसमें 20 राज्यों के 150 से अधिक किसान नेता पहुंचे थे. सम्मेलन में किसान नेताओं ने आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति का खुलासा करते हुए आदोलन कार्यक्रम की तारीखें जारी की थीं.
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