मोथा खरपतवार नष्ट करने में कारगर है जापानी तकनीक से बनी दवा, 24 घंटे में शुरू हो जाता है असर 

मोथा खरपतवार नष्ट करने में कारगर है जापानी तकनीक से बनी दवा, 24 घंटे में शुरू हो जाता है असर 

आधुनिक हर्बीसाईड प्रोडक्ट सेम्प्रा गन्ने और मक्के की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले खरपतवार मोथा को नष्ट कर देता है. यह खेत में एमिनो एसिड बनने को रोकता है, जिससे मोथा खरपतवार पनपने के लिए पोषण नहीं हासिल कर पाता है. 

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मोथा खरपतवार नष्ट करने में कारगर है जापानी तकनीक से बनी दवा, 24 घंटे में शुरू हो जाता है असर धानुका एग्रीटेक ने 2015 में निस्सान कैमिकल जापान के सहयोग से सेम्प्रा (Sempra) का लॉन्च किया था.

किसानों के लिए मुसीबत बना मोथा खरपतवार खत्म करने में धानुका एग्रीटेक (Dhanuka Agritech) की हर्बीसाइड दवा सेम्प्रा (Sempra) सटीक काम कर रही है. मक्का, गन्ना, गेहूं समेत अन्य फसलों में मोथा खरपतवार (साइपेरस रोटंडस) से उपज और क्वालिटी में गिरावट आ जाती है. जापानी तकनीक से बना यह खरपतवारनाशक दवा सेंपरा को भारतीय किसानों के लिए बड़ी राहत भरा साबित हुआ है. 

धानुका एग्रीटेक के अनुसार कई सालों से किसान मोथा (साइपेरस रोटंडस) की समस्या से जूझ रहे हैं, यह एक तरह का खरपतवार है, जो गन्ने और मक्के की खेती को नुकसान पहुंचाता है. कई तरह की कोशिशें करने के बावजूद भी यह मोथा खरपतवार फसल पर फिर से लौट आता है, जिससे न सिर्फ फसल की उत्पादकता कम हो जाती है बल्कि मजदूरी लागत भी बढ़ जाती है. इसी को ध्यान में रखते हुए धानुका एग्रीटेक ने 2015 में निस्सान कैमिकल जापान के सहयोग से सेम्प्रा (Sempra) का लॉन्च किया था. 

मोथा खरपतवार को पनपने नहीं देता है 

सेम्प्रा एक सिस्टेमेटिक, पोस्ट एमरजेन्स, सलेक्टिव हर्बीसाईड है, जो जापानी तकनीक से बनाया गया है. पिछले 10 सालों में सेम्प्रा ने गन्ने में खरपतवार प्रबंधन को को पूरी तरह से बदल डाला है और किसानों के जीवन को आसान बना दिया है. आधुनिक हर्बीसाईड सेम्प्रा गन्ने और मक्के की फसल से मोथा को नष्ट कर देता है. यह खेत में एमिनो एसिड बनने को रोकता है, जिससे मोथा खरपतवार पनपने के लिए पोषण नहीं हासिल कर पाता है. 

24 घंटे में असर करने लगता है सेम्प्रा  

सेम्प्रा इस्तेमाल के 24 घंटे के भीतर ही असर दिखाना शुरू कर देता है. जबकि, कुछ ही दिनों के भीतर खरपतवार का पनपना थम जाता है. सेंपरा एक लो डोद वाला प्रोडक्ट है. सेम्प्रा का प्रभाव मिट्टी में बना रहता है और नए सायप्रस को अंकुरित होने से रोकता है और लम्बे समय तक खेत की सुरक्षा करता है. कई कृषि केंद्रों जैसे वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट, तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में इस हर्बीसाइड प्रोडक्ट सेंपरा की जांच की जा चुकी है.

वीड मैनेजमेंट सॉल्यूशन लाते रहने का वादा 

धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के जनरल मैनेजर अतुल कुमार ने कहा कि सेम्प्रा की 10 सालों की सफलता को देखकर हमें गर्व है. हम किसानों की समृद्धि के लिए और उनकी चुनौतियों को हल करने के लिए आधुनिक समाधान लेकर आते हैं. सीनियर डिप्टी जनरल मैनेजर आरके धुरिया ने कहा कि पिछले दशक के दौरान सेम्प्रा की सफलता इस प्रोडक्ट असर और किसानों के हममें बढ़ते भरोसे को दर्शाती है. खेती की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हम वीड मैनेजमेंट के लिए ऐसे आधुनिक समाधान लाते रहे हैं, जो फसल की उत्पादकता बढ़ाकर किसान का मुनाफा बढ़ाने में मदद करते हैं.

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