इस सीजन खेत में हरी खाद लगाएं क‍िसान, ढैंचा बीज पर 90 फीसदी सब्स‍िडी दे रही सरकार

इस सीजन खेत में हरी खाद लगाएं क‍िसान, ढैंचा बीज पर 90 फीसदी सब्स‍िडी दे रही सरकार

बिहार सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए ढैंचा के बीज पर 90 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है. सूबे के किसान 12 मई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.  इसकी खेती करने से खेतों की उर्वरक शक्ति में वृद्धि होती है. 

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इस सीजन खेत में हरी खाद लगाएं क‍िसान, ढैंचा बीज पर 90 फीसदी सब्स‍िडी दे रही सरकार ढैंचा के बीज पर 90 प्रतिशत तक अनुदान दे रही बिहार सरकार

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए ब‍िहार सरकार के द्वारा कई योजना शुरू की गई हैं. इसी के तहत खरीफ सीजन से पहले भूमि की उवर्रकता को बढ़ाने के लिए सरकार हरी खाद योजना के जरिये ढैंचा की खेती पर अनुदान राशि दे रही है. इस योजना के तहत ढैंचा के बीज पर 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है, जिसको लेकर ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख में एक सप्ताह ही बची है. असल में ढैंचा एक दलहनी फसल है, जिसकी खेती से मिट्टी में जीवाश्म और कार्बन की मात्रा में वृद्धि होती हैं. वहीं कुछ लोग बीज के लिए खेती करते हैं. करीब चार साल के बाद इस योजना के तहत बिहार राज्य बीज निगम द्वारा किसानों को ढैंचा की खेती पर अनुदान राशि दी जा रही है. 

इस साल करीब 28 हजार हेक्टेयर में ढैंचा की खेती होने का अनुमान है. खरीफ सीजन के साथ खेती का नया सीजन शुरू हो जाता है. उससे पहले किसान खेत की उर्वरक शक्ति को बढ़ाने के लिए ढैंचा की खेती करते है. इसकी खेती अप्रैल से जून तक किया जाता है. वहीं राज्य सरकार 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज का वितरण कर रही है. 

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ढैंचा की कैसे करें खेती

कृषि वैज्ञानिक अमित कुमार सिंह ने क‍िसान तक से बातचीत में ढैंचा की खेती से जुड़ी जानकारी देते हुए कहते हैं कि अगर कोई किसान हरी खाद के लिए ढैंचा की खेती कर रहा है. तो वह 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज का उपयोग कर सकता है. वहीं बीज के लिए प्रति हेक्टेयर 20 kg बीज का उपयोग करना चाहिए. आगे वह बताते है कि धान की खेती करने से पहले ढैंचा लगाने से प्रति हेक्टेयर 80 किलोग्राम जैविक खाद, 60 किलोग्राम नाइट्रोजन सहित अन्य पोषक तत्व की वृद्धि होती है,जिससे किसान को रसायनिक खाद का उपयोग कम करना पड़ता है. एक अध्ययन से पता चला है कि एक टन ढैंचा में 428 किलो कार्बन, 26 किलो नाइट्रोजन, 7.3 किलोग्राम फास्फोरस,18 kg पोटाश सहित अन्य पोषक तत्व खेत को मिलता है. साथ ही लवणी, क्षारीय मृदा में सुधार होता है. इसे लगाने के 50-60 दिन बाद  फसल को खेत में जुताई कर देना चाहिए. 

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किसान बीज के अनुदान के लिए कब तक करें आवेदन 

किसान ढैंचा बीज सहित विभिन्न खरीफ फसलों के बीज के लिए DBT के पोर्टल की लिंक https://dbtagriculture.bihar.gov.in या https://brbn.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. वहीं ढैंचा बीज के लिए किसान 12 मई तक आवेदन कर सकते है. इसके साथ ही 22 मई से बीज का वितरण किया जाएगा. सूबे की सरकार ढैंचा के बीज पर वास्तविक मूल्य का 90 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है. करीब 6300 रुपये प्रति क्विंटल अनुदान मिल रहा है. सरकार ने ढैंचा का वास्तविक मूल्य आठ हजार रुपये प्रति क्विंटल तय कि‍या है. आवेदन करने के बाद किसान को प्रखंड या जिलास्तर पर निगम के डीलर नेटवर्क और अन्य माध्यमों से बीज उपलब्ध कराया जाएगा. 

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