Fertiliser Crisis: कृषि विभाग का दावा– बिहार में उर्वरक की कमी नहीं, फिर विवाद क्यों?

Fertiliser Crisis: कृषि विभाग का दावा– बिहार में उर्वरक की कमी नहीं, फिर विवाद क्यों?

Fertiliser Crisis: कृषि विभाग ने कहा है कि बिहार में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है.अब तक 248 उर्वरक प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है. खरीफ सीजन में उर्वरक की उपलब्धता के कारण धान की फसल प्रभावित नहीं होगी.

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Fertiliser Crisis: कृषि विभाग का दावा– बिहार में उर्वरक की कमी नहीं, फिर विवाद क्यों?Urea Crisis: बिहार में नहीं है यूरिया की कमी!

बिहार में धान की रोपनी पूरी हो चुकी है और इसके साथ ही किसान अब उर्वरकों के लिए दुकानों के चक्कर लगाने लगे हैं. बीते दिनों पश्चिमी चंपारण के बगहा-2 स्थित विस्कोमान गोदाम पर हुए हंगामे के बाद कृषि विभाग काफी सक्रिय हो गया है. इसी क्रम में राज्य में उर्वरकों की उपलब्धता को लेकर विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को सभी जिलों के कृषि पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में उर्वरक की उपलब्धता, कालाबाजारी और छापेमारी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है.

राज्य में उर्वरकों की नहीं है कमी 

कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने बताया कि भारत सरकार द्वारा खरीफ 2025 के लिए राज्य को 10.32 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 2.20 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 2.50 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 0.50 लाख मीट्रिक टन एमओपी तथा 0.75 लाख मीट्रिक टन एसएसपी निर्धारित की गई है. वहीं,हाल के समय राज्य के किसी भी जिले में उर्वरक की कोई कमी नहीं है. अगर 19 अगस्त तक राज्य में उर्वरकों की उपलब्धता को लेकर बात किया जाए तो 1.76 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 1.00 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 1.91 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 0.54 लाख मीट्रिक टन एमओपी और 0.92 लाख मीट्रिक टन एसएसपी का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है. 

प्रतिष्ठानों पर हुई कार्रवाई

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार द्वारा उर्वरकों की कालाबाजारी और अधिक मूल्य पर बिक्री करने वाले कुल 248 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर अब तक कार्रवाई की जा चुकी है. इनमें से 34 प्रतिष्ठानों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा 214 प्रतिष्ठानों का प्राधिकार पत्र रद्द कर दिया गया है. वहीं,प्रधान सचिव ने सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिला एवं प्रखंड स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति की बैठक नियमित रूप से आयोजित की जाए.साथ ही, प्रखंडवार उर्वरक का उप-आवंटन स्थानीय आच्छादन एवं वास्तविक आवश्यकता को ध्यान में रखकर किया जाए.

पश्चिमी चंपारण में हुआ हंगामा

बीते दिनों पश्चिमी चंपारण के बगहा-2 स्थित विस्कोमान गोदाम पर यूरिया की खरीदी को लेकर जमकर हंगामा देखने को मिला. वहीं,उत्तेजित भीड़ ने कैश काउंटर की खिड़की तक उखाड़ दी. कृषि विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, समाचार यूट्यूबर समुल्लाह कुरैशी (निवासी–ग्राम एवं पोस्ट नरवल बरवल) अपने सहयोगी के साथ विस्कोमान गोदाम, बगहा-2 पहुँचे और दबाव बनाकर यूरिया प्राप्त करने की कोशिश की. इस दौरान उन्होंने व्यवस्था संभाल रहे दंडाधिकारी से धक्का-मुक्की की तथा गलत समाचार प्रसारित करने की धमकी दी. साथ ही भीड़ को भड़काने का प्रयास भी किया, जिसके बाद माहौल बिगड़ गया और हंगामा शुरू हो गया. 

डिप्‍टी सीएम ने दिए जांच के निर्देश 

इस घटना के मद्देनजर उप मुख्यमंत्री–सह–कृषि मंत्री ने बगहा के विधायक राम सिंह एवं कृषि निदेशक को मंगलवार, 19 अगस्त को बेतिया स्थित घटना स्थल का निरीक्षण करने का निर्देश दिया. साथ ही, कृषि निदेशक नितिन कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन भी किया गया है.हालांकि, खबर लिखे जाने तक इस मामले से संबंधित कोई नई जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है. 

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