DAP Crisis: राजस्थान में मांग से कम म‍िला डीएपी, फ‍िर भी क्यों पर्याप्त बता रही सरकार?

DAP Crisis: राजस्थान में मांग से कम म‍िला डीएपी, फ‍िर भी क्यों पर्याप्त बता रही सरकार?

राजस्‍थान में किसान खाद की कमी से परेशान है. कई जगहों पर रोजाना किसानों की भारी भीड़ लग रही है. हालांकि, सरकार इससे हटके पर्याप्‍त उपलब्‍धता की बात कह रही है. इसे लेकर जयपुर, कृषि आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने बयान दिया है.

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DAP Crisis: राजस्थान में मांग से कम म‍िला डीएपी, फ‍िर भी क्यों पर्याप्त बता रही सरकार?खाद की आपूर्ति पर राजस्‍थान सरकार ने दिया बयान. (सांकेतिक तस्‍वीर)

राजस्‍थान में रबी की बुवाई चल रही है. इस बीच किसानों में डीएपी समेत अन्‍य खादों की मांग तेज है और सप्‍लाई कम है. लेकिन, राज्‍य सरकार पर्याप्‍त स्‍टॉक होने की बात कह रही है. इसे लेकर जयपुर, कृषि आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने बयान दिया है. प्रदेश सरकार किसानों को डीएपी खाद के विकल्प के तौर पर एसएसपी और एनपीके का उपयोग करने की सलाह दे रही है, जिसका फायद दिखता नजर आ रहा है. यही वजह है कि वैकल्पिक खादों की खपत बढ़ गई है.

माह अक्टूबर 2023 की तुलना में अक्टूबर 2024 में एसएसपी का उपयोग 76 प्रतिशत और एनपीके खाद का 221 प्रतिशत बढ़ा है. चिन्मयी गोपाल ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में डीएपी आपूर्ति में सुधार लाने के लिए लगातार कोशि‍श कर रही है. राज्य में इस साल रबी सीजन के दौरान अक्टूबर और नवंबर महीने में 2 लाख 81 हजार मीट्रिक टन डीएपी की मांग अनुमानित थी, जिसमें से 2 लाख 8 हजार मीट्रिक टन (74 प्रतिशत) डीएपी की आपूर्ति हुई है.

सिर्फ 10 दिन का DAP स्‍टॉक उपलब्‍ध

वर्तमान में राज्य में 41 हजार मीट्रिक टन डीएपी का स्टॉक उपलब्ध है. यह स्‍टॉक औसत दैनिक डीएपी की खपत के हिसाब से 10 दिन के लिए पर्याप्त है. आने वाले 2-3 दिन में 20 हजार मीट्रिक टन डीएपी की सप्‍लाई होने जा रही है. वहीं, शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी ने बताया कि राज्य सरकार भारत सरकार से को-ऑर्डिनेट कर ज्‍यादा से ज्‍यादा डीएपी की सप्‍लाई हासिल करने की कोशि‍श कर रही है. खादों की कालाबाजारी, जमाखोरी और नकली खादों पर रोक लगाने के लिए लगाने के लिए कृषि विभाग समय-समय पर स्‍पेशल क्‍वालिटी कंट्रोल अभियान चलाता है.

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निरीक्षण में की गई कार्रवाई

रबी सीजन की शुरूआत से पहले 15 सितम्बर से एक ऐसा ही अभ‍ियान चलया गया, जिसके तहत पूरे राज्य में विभागीय उर्वरक निरीक्षकों ने 5478 कृषि आदान विक्रेताओं, निर्माताओं और खुदरा व्यवसायियों के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया. इस दौरान कालाबाजारी, जमाखोरी और अनियमितता पाए जाने पर 618 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. वहीं, 58 विक्रय केंद्रों पर रोक लगाई गई है. इसके अलावा 39 प्राधिकार पत्र निलंबित किए गए है और 8 प्रतिष्ठानों पर खाद जब्ती और 7 विक्रताओं के प्राधिकार पत्र निरस्त किए गए हैं. साथ ही  5 फ़र्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.

कृषि आयुक्त ने कहा कि देश में डीएपी खाद की आपूर्ति काफी हद तक विदेशी आयात पर निर्भर है. इस साल आयात कम होने से पूरे देश में ही डीएपी की मांग और आपूर्ति का अंतर बढ़ गया है, जिससे अन्य राज्यों के साथ-साथ राजस्थान राज्य भी प्रभावित हुआ है. राज्य में रबी सीजन 2024-2025 के दौरान उर्वरको की गुणवत्तायुक्त आपूर्ति के लिए 23 नवंबर से 30 नवंबर तक फिर से स्‍पेशल क्‍वालिटी कंट्रोल अभियान चलाया जाएगा.

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