कुछ ही दिनों में अब रबी फसल की बुवाई शुरू होने को है, लेकिन इससे पहले किसानों में अचानक खाद के लिए होड़ मच गई है. ऐसे में खाद की किल्लत ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. खाद लेने के लिए हजारों की संख्या में किसान (महिला और पुरूष) सुबह से ही क्रय विक्रय सहकारी समिति के गेट पर लाइन में लग जाते हैं. सुबह से पूरे दिन दोपहर तक लाइन में खड़े होकर इंतजार करने के बाबजूद भी बगैर खाद के निराश लौटना पड़ता है.
हाल में खाद के लिए बिक्री केंद्रों से सामने आए वीडियो चौकाने वाले हैं. हजारों की संख्या में किसान खाद लेने के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं. चिलचिलाती धूप और गर्मी के बाबजूद भी किसान बस इस आस में मशक्कत कर रहे हैं कि शायद उनको खाद मिल जाएगी. खाद की मारामारी में एक केंद्र पर एक बुजुर्ग किसान तो बेहोश हो गया. खाद के लिए महिला किसान भी सुबह से ही लाइन में लग जाती हैं, जहां कई बार तो भगदड़ जैसे हालात बन जाते हैं.
इसी क्रम को देखते हुए खाद वितरण कराने के लिए बिक्री केंद्रों पर पुलिस बल भी तैनात किया गया है, ताकि भीड़ और व्यवस्था को कंट्रोल किया जा सके. लेकिन, कई किसानों का आरोप है कि पुलिस आने के बाद व्यवस्था और ज्यादा खराब हो गई है. किसानों ने आरोप लगाया कि केंद्र पर मौजूद पुलिसकर्मी अपने पहचान वाले लोगों को पहले खाद दिलाने का काम कर रहे हैं.
एक बुजुर्ग महिला किसान ने कहा कि हम सब सुबह से ही लाइन में खड़े हैं, लेकिन खाद नहीं मिल रही है. वहीं, एक अन्य बुजुर्ग किसान ने कहा कि जब से पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, तब से व्यवस्था ख़राब हो गई है. मालूम हाे कि खाद की यह किल्लत हर वर्ष देखी जाती है और इसी तरह इन दिनों भी खाद की किल्ल्त किसानों के लिए चिंता बन गई है.
प्रदेश में बड़ी संख्या में किसान सरसों की बुवाई करते हैं, जिसमें डीएपी खाद की जरूरत पड़ती है. ऐसे में किसान पहले ही खाद हासिल करना चाहते हैं, ताकि बाद में किल्लत और परेशानी से बचा जा सके. हाल ही में ऐसी स्थिति अलवर जिले में भी देखने को मिली थी, जहां किसान घंटों तक लाइन में लगने के बाद भी किसानों को डीएपी और यूरिया खाद नहीं मिली. (सुरेश कुमार की रिपोर्ट)
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