छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन के बीच कृषि विभाग ने किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद और कीटनाशक उपलब्ध कराने के लिए बलौदाबाजार-भाटापारा, सक्ती और महासमुंद में औचक निरीक्षण तेज किया. अनियमितताएं पाई गईं और नोटिस जारी किए गए.
छत्तीसगढ़ के किसानों को केंद्र से 60 हजार टन अतिरिक्त यूरिया मिलेगी, जिसकी सितंबर में चरणबद्ध आपूर्ति होगी. अब तक राज्य में 13.19 लाख टन खाद वितरित की जा चुकी है. इसमें 98 प्रतिशत यूरिया किसानों तक पहुंच चुका है.
Fertiliser Crisis: खरीफ के सीजन में जब धान की रोपाई चरम पर है तब छत्तीसगढ़ में 5 लाख टन उर्वरक की कमी भारी कमी है. राज्य को लगभग 48 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए हर साल करीब 22 लाख टन उर्वरक चाहिए होता है, मगर इस साल इसे केवल 17 लाख टन ही आवंटित किया गया है.
छत्तीसगढ़ के किसान खाद संकट से जूझ रहे हैं. धान की खेती के बीच उन्हें खाद के लिए जूझना पड़ रहा है. राष्ट्रीय औसत से बहुत कम छत्तीसगढ़ में खाद की मांग होती है, इसके बावजूद किसानों के लिए पर्याप्त सप्लाई नहीं है. वहां के मंत्री भी केंद्रीय मंत्री से खाद के लिए गुहार लगा चुके हैं.
छत्तीसगढ़ के कृषि विभाग के अनुसार राज्य में 27 जनवरी तक रबी फसलों की बुवाई का कुल 17.46 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल दर्ज किया गया है, जो कुल रकबे का 91 फीसदी है. खेती कार्यों के लिए किसानों ने 445 करोड़ रुपये का लोन लिया है.
देश के अग्रणी Rice Producer State छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन की सबसे प्रमुख फसल धान है. किसानों ने इस साल सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप ही खरीफ सीजन की फसलों की बुआई पूरी कर ली है. सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक राज्य में Kharif Season की बुआई के लिए तय किए गए लक्ष्य के 95 फीसदी रकबे में बुआई हो गई है.
छत्तीसगढ़ में सरकार ने किसानों को Kharif Season के मद्देनजर रासायनिक खाद और बीज की बढ़ती मांग को देखते हुए बाजार में नकली खाद बीज पर नकेल कसने के लिए सख्त रुख अपनाया है. साथ ही किसानों को भरोसा दिया है कि सरकारी वितरण के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद बीज उपलब्ध है. किसान बाजार से मंहगा और खराब गुणवत्ता वाला Fertilizer and Seed न खरीदें.
देश में खाद की तेज मांग और आपूर्ति में कमी की वजह से कई लोग खाद को मनमानी भाव लगाकर बेच रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर देश के अलग अलग इलाकों में नकली खाद बनाकर बेचने का मामला भी तेजी से सामने आ रहा है.
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