अक्सर आपने रास्ते पर या अपने बगीचे में झाड़ी में रंग-बिरंगे फूलों वाला एक पौधा देखा होगा. इसे लैंटाना या लैंटाना कैमरा के तौर पर जाना जाता है. इस पौधे के फूल देखने में बेहद खूबसूरत नजर आते हैं. लेकिन असल में यह जानलेवा होते हैं. दो मीटर का यह पौधा और इसके खूबसूरत फूल जहरीले होते हैं और किसी भी जानवर की जान ले सकते हैं. अक्सर इस फूल या पौधे के सेवन से जानवरों की जान जाने की खबरे आती रहती हैं. यह पौधा उन जानवरों के लिए खतरनाक माना जाता है जो जंगलों में रहते हैं और शाकाहारी भोजन पर निर्भर रहते हैं. साथ ही अगर यह घरों में है तो फिर पालतू जानवरों जैसे कुत्तों के लिए हानिकारक माना गया है.
लैंटाना कैमरा दरअसल एक खरपतवार वाली झाड़ी है. पौधे के तने चौकोर होते हैं और अक्सर तने के कोण पर कांटे होते हैं. फूल डंठल के आखिरी में गुच्छों में नजर आते हैं. ये गुच्छे करीब तीन सेमी चौड़े होते हैं. यह फूल लाल, गुलाबी, सफेद, पीले या नारंगी रंग नजर आता है. आम बोलचाल की भाषा में इसे पंचपफूली भी कहा जाता है. बागवानी के जानकारों की मानें तो लैंटाना कैमरा को 200 साल पहले अंग्रेज लैटिन अमेरिका से सजावटी फूल के तौर पर भारत में लेकर आए थे. तब से लेकर अब तक यह पूरे देश में फैल चुका है. जनवरी 2022 में आई 'इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021' में कहा गया था कि 9793 वर्ग किमी से भी ज्यादा के क्षेत्रफल में लैंटाना का फैला हुआ है.
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आमतौर पर मई-जून के महीने में इस पौधे में फूल आते हैं और इसे बीज बनने से पहले नष्ट किया जा सकता है. लैंटाना कैमरा पौधा जिस जगह पर उगता है, उतने हिस्से की जमीन को बंजर बना देता है. यह पौधा कितना जहरीला और खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस जगह पर यह पौधा होता है, उसके आसपास कोई और पेड़ पौधा पनप तक नहीं सकता है. जहरीला होने की वजह से गाय, हाथी और हिरण जैसे शाकाहारी प्राणी खा नहीं सकते. मध्य प्रदेश के कान्हा पार्क में नौ साल पहले इस पौधे की वजह से नौ हिरणों की मौत हो गई थी. उस घटना के बाद से आज तक बारिश के मौसम में पार्क के कर्मी इस पौधे को जड़ सहित निकालने के काम में लगे रहते हैं.
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इस पौधे में जो जहरीले पदार्थ पाए जाते हैं, उन्हें लीवर टॉक्सिन के तौर पर जाना जाता है. इसके अलावा इसमें कुछ ऐसे एलर्जी वाले तत्व इसमें पाये जाते हैं। लिवर की समस्या के अलावा इसकी वजह से स्किन एलर्जी भी हो सकती है. पौधे की जड़ों से ऐसा केमिकल निकलता है जो बाकी पौधों के लिए नुकसान पहुंचाता है. इस केमिकल की वजह से ही कोई और पौधा पनप नहीं पाता है. इसके अलावा दूसरे पौधों के बीजों का अंकुरण भी इसकी वजह से नहीं हो पाता है.
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