इस साल बाढ़ ने कई राज्यों में तबाही मचाई है. इसका सबसे बड़ा नुकसान किसानों में देखने को मिला है. इस साल देशभर में लाखों एकड़ फसल चौपट हो गई है. बाढ़ अपने निशान ना सिर्फ इंसानों के जेहन में छोड़ती है बल्कि धरातल पर भी इसका प्रभाव सालों तक दिखता है. अगर आप किसान हैं तो आपके लिए ये जानना जरूरी है कि बाढ़ का पानी अपने साथ मिट्टी, रेत और खनिज पदार्थ लेकर आती है जिससे खेत में गाद जमा हो जाती है. सिल्ट जमा होने के बाद खेतों से किसी तरह की फसल उगा पाना आसान नहीं होता है. आइए जान लेते हैं कि कौन सी फसलें उगाना फायदेमंद रहेगा.
बारिश और बाढ़ के बाद मिट्टी में नमी खूब रहती है जिसके कारण अधिकांश बीज तैयार नहीं हो पाते हैं. आपको बता दें कि सामान्य नमी में ही बीज अच्छे से उगते हैं. कुछ ऐसी भी फसलें हैं जिन्हें बाढ़ के बाद उगाना फायदेमंद माना जा सकता है.
आप सब जानते होंगे कि धान की खेती के लिए पर्याप्त पानी की जरूरत होती है. यही कारण है कि धान को खरीफ की सबसे खास फसल माना जाता है. अगर आपके इलाके में बाढ़ के हालात हैं तो उसके बाद धान की जल्दी तैयार होने वाली किस्में उगा सकते हैं. धान की कई ऐसी किस्में भी हैं जो बाढ़ प्रतिरोधी मानी जाती हैं.
जलकुंभी के बारे में आप सब जानते होंगे. नए लोगों को बता दें कि इसे वाटर हायसिंथ भी कहा जाता है. ये एक जलीय पौधा है जो तालाबों में खरपतवार के रूप में उगता है और इसे हटाया जाता है. जलकुंभी का उपयोग जैविक खाद बनाने के लिए किया जा सकता है.
बाढ़ के बाद मिट्टी की उर्वराशक्ति भी प्रभावित होती है. आपको बता दें कि मिट्टी में गाद जमा हो जाने के कारण अधिकांश फसलें उग नहीं पाती हैं ऐसे में दलहन फसलें उगाना अच्छा माना जाता है. दलहन फसलों की जड़ें मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने में भी मददगार होती हैं. इसके अलावा इन फसलों को तैयार करने में भी अधिक तामझाम की जरूरत नहीं होती है.
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कुछ विशेष सब्जियां होती हैं जिनकी खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद माना जाता है. पालक, मेथी, भिंडी, कद्दू या लौकी जैसी सब्जियां उगा सकते हैं. ये सब्जियां नमी वाली मिट्टी में भी तैयार हो सकती हैं. सबसे जरूरी बात ये है कि इन्हें तैयार करने के लिए अधिक वक्त और विशेष देखभाल की भी जरूरत नहीं होती है.
बाढ़ के बाद अधिकांश किसान ऐसे होते हैं जो उस साल फसलों की बुवाई करना बंद कर देते हैं. अगर आप खाली खेत छोड़ रहे हैं तो ये आपके लिए घाटे का सौदा बन सकती है. आप उस खेत में हरी खाद ढैंचा या सनई जैसी फसलें उगा सकते हैं इससे खेत की मिट्टी में सुधार होता है.
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