पॉलीहाउस में खेती का चलन बढ़ रहा है. तभी आप बाजारों में आजकल वैसी सब्जियां भी देखते हैं जिनका सीजन नहीं होता है. ऐसी सब्जियों की खेती पॉलीहाउस के चलते ही संभव हो पा रही है. यहां तक कि किसान अगेती फसलों की खेती में पॉलीहाउस का प्रयोग बड़े पैमाने पर करते हैं. इसका उन्हें कई तरह से फायदा मिलता है. दरअसल, पॉलीहाउस की मदद से किसान अपने खेत या किसी खास क्षेत्र में तापमान को नियंत्रित करते हैं. सूर्य की रोशनी और हवा को भी नियंत्रित किया जाता है जिससे फसलों को लाभ मिलता है. लेकिन पॉलीहाउस लगाने का खर्च अधिक आता है. तभी आज भी इसका प्रयोग अधिक किसान नहीं करते.
पॉलीहाउस लगाने का क्या खर्च आता है, यह जानने से पहले जान लेते हैं कि यह टेक्निक क्या है. आप ऐसे खेत देखते होंगे जिसमें प्लास्टिक शीट की छत लगी होती है. यह छत कई बार टनल के आकार की होती है और कई बार फ्लैट भी. उसके अंदर अक्सर फूल, फल और सब्जियों की खेती होती है. अगर आपको ऐसा कोई नजारा दिखे तो समझ लें कि यही पॉलीहाउस टेक्निक है. इसमें किसान पर्यावरण को अपने हिसाब से कंट्रोल करते हैं फसलों की खेती करते हैं. अब आइए इसे लगाने का खर्च जान लेते हैं क्योंकि यह तकनीक थोड़ी महंगी है.
ये भी पढ़ें: पॉलीहाउस और शेड नेट लगाने पर बंपर सब्सिडी दे रही है बिहार सरकार, जानिए कैसे उठाएं योजना का लाभ
वैसे तो खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि आपका खेत कितना बड़ा है और किस तरह की फसलें उगानी हैं. लेकिन एक मोटा-मोटी तौर पर आपको हम पॉलीहाउस लगाने का खर्च बता देते हैं.
खर्च जान लिया तो ये भी जान लें कि क्या कोई सरकारी मदद भी मिल सकती है. जी हां. पॉलीहाउस लगाने में सरकार सब्सिडी भी देती है. आप जिस प्रदेश में भी रहते हैं, वहां एक बागवानी विभाग होगा जो कि कृषि विभाग के अंतर्गत काम करता है. आप वहां संपर्क करें तो पता चलेगा कि किसानों को पॉलीहाउस लगाने पर सब्सिडी दी जाती है. आप इस योजना का लाभ उठाकर पॉलीहाउस के खर्च को बहुत हद तक कम कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें: पॉलीहाउस में शिमला मिर्च की खेती से चमकी इस किसान की किस्मत, हर दिन बेचते हैं एक क्विंटल सब्जी
ध्यान रखें कि सभी किसानों को और हर तरह की खेती के लिए पॉलीहाउस पर सब्सिडी नहीं दी जाती. आपको इसके लिए पात्र होना होगा तभी सब्सिडी का लाभ उठा पाएंगे. इसमें खेत की होल्डिंग भी एक पात्रता होती है. यानी आप कितने रकबे के खेत के मालिक हैं. भारत सरकार भी किसानों को पॉलीहाउस पर सब्सिडी देती है जो कि अधिकतम 80 परसेंट तक जा सकती है. जब इतनी जानकारी मिल गई तो आप आसानी से पॉलीहाउस बनाकर खेती शुर कर सकते हैं.
पॉलीहाउस का मेंटेनेंस भी अहम काम है. इसमें किसी तरह का डैमेज हो जाए तो उससे खेती पर असर होता है. इससे बचने के लिए बराबर मॉनिटरिंग जरूरी है. अगर कहीं इसमें छेद हो जाए या फट जाए तो उसकी मरम्मत जरूरी है. पॉलीहाउस पर अक्सर धूल इकट्ठी हो जाती है जिससे फसलों को सही रोशनी या हवा नहीं मिल पाती है. उसका वेंटिलेशन भी जाम हो सकता है. उसकी चादरें फट सकती हैं. इसलिए समय-समय पर इसका जरूर मेंटेनेंस करते रहें.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today