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Makhana Farming: मखाने के खेत में सिंघाड़ा और बरसीम की भी कर सकते हैं खेती, ऐसे मिलेगा दोहरा लाभ

Makhana Farming: मखाने के खेत में सिंघाड़ा और बरसीम की भी कर सकते हैं खेती, ऐसे मिलेगा दोहरा लाभ

खेतों और तालाबों में मखाना की खेती करने के अलावा दूसरी फसलों को भी लगाया जा सकता है. जैसे अगर आप तालाब में मखाने की खेती करते हैं तो उसके साथ आप सिंघाड़ा भी उगा सकते हैं. साथ ही खेतों में बरसीम यानी चारा भी उगा सकते हैं. इसी तरह मखाने के खेत में धान और गेहूं भी लगा सकते हैं.

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मखाने के खेत में सिंघाड़ा और बरसीम की भी कर सकते हैं खेती मखाने के खेत में सिंघाड़ा और बरसीम की भी कर सकते हैं खेती

खेती-बाड़ी किसानों के लिए एक ऐसी कला है जिसमें उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलता है. खेती में मुनाफा कमाने के कई तरीके हैं, लेकिन कुछ ट्रिक्स अपनाकर किसान अपनी आय से दोगुना लाभ कमा सकते हैं. इसमें एक खेत या तालाब में एक ही फसल के साथ अन्य फसलें लगाकर यह कला अपनाई जा सकती है. एक्सपर्ट बताते हैं कि खेतों में फसल चक्र के अनुसार किसानों को अपने खेतों में कई फसलों को उगाना चाहिए. इस प्रक्रिया से फसलों को विविध पोषक तत्व मिलते हैं और मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है. वहीं अगर आप मखाने की खेती कर रहे हैं तो उसके खेत में ही सिंघाड़ा और बरसीम की भी खेती कर सकते हैं.

मखाने के साथ बरसीम की खेती

खेतों और तालाबों में मखाना की खेती करने के अलावा दूसरी फसलों को भी लगाया जा सकता है. जैसे अगर आप तालाबों में मखाने की खेती करते हैं तो उसके साथ आप सिंघाड़ा भी उगा सकते हैं. साथ ही खेतों में बरसीम यानी चारा भी उगा सकते हैं. दरअसल मखाने की फसल को तैयार होने में 4 से 5 महीने लगते हैं. जिसके बाद खेत खाली हो जाता है. उन दिनों में आप अपने पशुओं के चारे के लिए बरसीम की खेती कर सकते हैं क्योंकि मखाने की खेती के बाद किसानों को बरसीम की खेती करने के लिए खेतों में अधिक कुछ करने की जरूरत नहीं होती है. एक बार खेत के थोड़ा सूख जाने के बाद उसकी जुताई करके बरसीम उगा सकते हैं.

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मखाने के साथ सिंघाड़े की खेती

समेतिक खेती तकनीक यानी एक साथ कई फसलों की खेती से एक ही तालाब में मखाने के साथ सिंघाड़े की खेती की जा सकती है. ऐसा करने से किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होती है. मखाना और सिंघाड़े की खेती करने के लिए यह सलाह दी जाती है कि मखाने के पौधे लगाने से पहले तालाब की घास को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए. साथ ही मखाने की फसल को कतार से कतार में लगानी चाहिए. साथ ही तालाब में सिंघाड़े की भी फसल लगानी चाहिए. दरअसल मखाने की फसलों में दूरी होने से सिंघाड़े की फसल तोड़ने में आसानी होती है क्योंकि सिंघाड़े की फसल की साल में चार बार तोड़ाई की जाती है.

एक साथ फसल लगाने के फायदे

ऐसा माना जाता है कि एक साथ फसलों को लगाने से फसलों को पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिलता है. साथ ही किसानों को फसलें लगाने से कम खर्च, कम मेहनत और समय की भी बचत होती है. वहीं इसका सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि इससे कम जगह में अधिक उत्पादन पाया जा सकता है. साथ ही खाली जगह का अच्छा इस्तेमाल हो जाता है. एक साथ फसलों की खेती करने से किसानों की आय 2-3 गुना तक बढ़ जाती है, क्योंकि लागत कम हो जाती है.