बड़े काम की है रद्दी प्लास्टिक की बोतल, कीटों से ऐसे करती है फसलों का बचाव 

बड़े काम की है रद्दी प्लास्टिक की बोतल, कीटों से ऐसे करती है फसलों का बचाव 

कीटों को पौधे तक पहुंचने से रोकने के लिए कई तरह की बाधाएं लगाई जाती हैं. जिससे कीट पौधे तक न पहुंच सकें. ये भौतिक संरचनाएँ हैं. यह संरचना कीड़ों को पौधे से दूर रखने में मदद करती है. साथ ही कीड़े भी नहीं मरते.

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बड़े काम की है रद्दी प्लास्टिक की बोतल, कीटों से ऐसे करती है फसलों का बचाव Waste plastic bottle use

प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग हर घर में किसी न किसी रूप में किया जाता है. लेकिन अक्सर हम इस्तेमाल करने के बाद उस बोतल को बेकार समझकर फेंक देते हैं. लेकिन इन्हीं बेकार बोतलों का इस्तेमाल कई अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि बेकार बोतलें आपकी फसलों को कीटों से भी बचाती हैं. फसलों में अक्सर कीटों का खतरा बना रहता है. जिससे फसलों को नुकसान नहीं होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कीटों का करें बचाव.

कीटों को पौधों से दूर रखने का तरीका

कीटों को पौधे तक पहुंचने से रोकने के लिए कई तरह की बाधाएं लगाई जाती हैं. जिससे कीट पौधे तक न पहुंच सकें. ये भौतिक संरचनाएँ हैं. यह संरचना कीड़ों को पौधे से दूर रखने में मदद करती है. साथ ही कीड़े भी नहीं मरते. तो आइए जानते हैं कि प्लास्टिक की बोतलों के इस्तेमाल से कीड़ों को कैसे दूर रखा जा सकता है.

रेंगने वाले कीड़े को कैसे रखें दूर

एक पारदर्शी प्लास्टिक की बोतल का ऊपरी हिस्सा काट लें और उस बोतल को छोटे पौधे के ऊपर जमीन पर रख दें. यह ट्रैक रेंगने वाले कीटों को पौधों से दूर रखेगा. 

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चढ़ने वाले कीड़े को दूर रखने का तरीका

पेड़ों को कीड़ों के हमले से बचाने में मदद के लिए ग्रीस बैंड का उपयोग किया जा सकता है. पेड़ के तने के चारों ओर प्लास्टिक का एक टुकड़ा या एक लंबा पत्ता लपेटें. इसके ऊपर किसी भी प्रकार की ग्रीस फैला दें. ग्रीस को पानी से बचाने के लिए पन्नी या प्लास्टिक का इस्तेमाल करें. प्लास्टिक पर लगा ग्रीस रेंगने वाले कीड़ों जैसे चींटियों, फल मक्खी के लार्वा, स्लग, घोंघे, बीटल या कैटरपिलर को पेड़ों, विशेष रूप से फलों के पेड़ों, या अनाज के भंडार को नुकसान पहुंचाने से रोकता है.

फल पर कीड़ों का प्रकोप

फलों पर हमला शुरू होने की संभावना हमेशा बनी रहती है. खास कर फल जब पकने की स्थिति में हो तो यह खतरा बढ़ जाता है. जिससे बचने के लिए फल पकने से 6 से 8 सप्ताह पहले जाल बिछाना चाहिए. जाल कई तरीके के होते हैं. प्लास्टिक की बोतल या कंटेनर के तल में एक छोटा सा छेद करें. बोतल को ढक्कन या स्टॉपर से बंद कर दें. बोतल का एक-चौथाई भाग चारे से भरें और बोतल को पेड़ से उल्टा लटका दें. खेतों या बगीचों के आसपास. मक्खियां छोटे छेद के माध्यम से चारे की ओर आकर्षित होती हैं. फिर वे उस जाल में फंस जाते हैं और चारे में डूब जाते हैं.

प्लास्टिक की बोतल का करें इस्तेमाल

इसके अलावा एक और विधि का इस्तेमाल किया जा सकता है. प्लास्टिक की बोतल का ऊपरी भाग काट दें. बोतल के निचले आधे भाग में कुछ चारा डालें. बोतल के ऊपरी आधे हिस्से को उल्टा करके नीचे के आधे हिस्से में रखें. फिर से मक्खियां बोतल की ओर आकर्षित हो जाती हैं और फंस जाती है. यहां फल मक्खी के लिए दो अलग-अलग चारा हैं जिन्हें जाल में डाला जा सकता है. ये हैं वो दो चारे और उसे बनाने की दो विधि

  • 1 लीटर पानी, 250 मिलीलीटर (एमएल) मूत्र, वेनिला एसेंस की कुछ बूंदें, 100 ग्राम चीनी और 10 ग्राम पाइरेथ्रम पाउडर मिलाएं.
  • 1 चम्मच पाइरेथ्रम पाउडर, 250 ग्राम शहद, वेनिला एसेंस की कुछ बूंदें, 250 ग्राम संतरे या खीरे के छिलके या गूदा और 10 लीटर पानी मिलाएं.
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