क्या आपने कभी दूध का फसलों पर छिड़काव किया है? अगर नहीं तो ये चौंकाने वाली जानकारी आपके लिए है. दूध मानव शरीर के लिए तो अच्छा है ही बल्कि यह पौधों के लिए भी लाभदायक है. दावा है कि दूध पौधों को बढ़ने में मदद करने के लिए उर्वरक के तौर पर काम करता है. इसमें एंटीफंगल और कीटनाशक गुण भी होते हैं. जिसके चलते इसके छिड़काव से पौधे अच्छे रहते हैं. काफी किसान प्याज पर शराब का छिड़काव करते हैं ताकि उस पर कीट न लगे. यह देशी जुगाड़ है लेकिन कई किसानों ने इन दोनों चीजों को पौधों के लिए कारगर बताया है. हालांकि, इसका इस्तेमाल करने से पहले किसी वैज्ञानिक से जरूर पूछ लें.
दूध में कैल्शियम और विटामिन बी होता है. यही गुण मनुष्यों को फायदा पहुंचाता है और यही गुण पौधों को भी लाभ पहुंचाते हैं. पौधों की वृद्धि में कैल्शियम काफी मदद करता है. साथ ही फूलों के को सड़ने से भी रोकता है. बताते हैं कि कैल्शियम की कमी के कारण मिर्च और टमाटर आदि में ऐसा होता है. दूध के एंटीफंगल गुणों पर वैज्ञानिकों ने रिसर्च किया है. अंगूर की फसल में यह एन्टी फंगल का काम करता है.
जानकारों का कहना है कि ताजा, एक्सपायर्ड और पाउडर सहित किसी भी प्रकार के दूध का उपयोग बगीचे में स्प्रे के लिए किया जा सकता है. कम मलाई या वसा वाले (2 प्रतिशत) दूध का इस्तेमाल करें. यही नहीं, दूध में 50 प्रतिशत पानी मिलाएं और स्प्रे करें. यानी ज्यादा गाढ़े दूध का इस्तेमाल नहीं करना है. हमेशा कम वसा वाले दूध का चुनाव करना है या फिर उसमें पानी मिला देना है.
जानकारों का कहना है कि दूध का स्प्रे करने के बाद पौधों पर रासायनिक कीटनाशकों या खादों का इस्तेमाल न करें. क्योंकि ऐसा करने पर दूध में मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाएगा. जिससे पौधे नहीं बढ़ेंगे. पौधों पर दूध का उपयोग करने के बाद थोड़ी अप्रिय गंध हो सकती है, लेकिन बाद में यह कम हो जाएगी. दूध के मिश्रण को पौधों की पत्तियों पर लगाएं, लगभग 30 मिनट तक जांचते रहें. ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पानी वाला दूध अवशोषित हो गया है. कुछ पौधों, जैसे कि टमाटर, में फफूंद जनित रोग विकसित होने का खतरा होता है यदि पत्तियों पर तरल पदार्थ बहुत लंबे समय तक जमा रहता है. आप दूध के मिश्रण को सीधे पौधे के आधार पर मिट्टी में भी डाल सकते हैं, जिससे जड़ें इसे अवशोषित कर सकेंगी.
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