इन दिनों कपास की खेती के लिए अगर कोई सबसे बड़ा खतरा है तो उसका नाम गुलाबी सुंडी (Pink Bollworm). इस कीट ने खेतों में तबाही मचा रखी है. किसानों की ओर से महंगे कीटनाशकों का स्प्रे करने के बावजूद इस कीट पर काबू नहीं पाया जा सका है. क्योंकि यह कीट कॉटन बॉल के अंदर घुस जाता है. ऐसे में गुलाबी सुंडी कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए एक बुरा सपना बन गई है. इसके हमले से पूरी की पूरी फसल चौपट हो जाती है. ऐसे में कुछ तरीकों और उपाय को अपनाकर अपनी कपास की फसल को चौपट होने से बचा सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे.
विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे ही फसल में गुलाबी सुंडी का पता चले तुरंत कीटनाशकों का छिड़काव करें. बार-बार छिड़काव करने पर किसान कपास के फसलों को बचा सकते हैं. किसान इसके अलावा प्रोपेक्स सुपर+ अमृत गोल्ड नीम का मिश्रण करके कपास के पौधों पर छिड़काव करें, खासकर जब कपास का पौधा फूल और पत्ती अवस्था में हो. वहीं, जैविक कीटनाशक के तौर पर किसान नीम का तेल और डिटर्जेंट पाउडर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं.
ट्रैप मशीन का इस्तेमाल तो किसानों ने बहुत किया होगा. इसमें भी एक खास मशीन है आई ट्रैपर जो कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है. विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां गुलाबी सुंडी हर साल सैकड़ों एकड़ फसल नष्ट करती है. वहां iTrapper लाइट को अपनाने से उत्पादन में वृद्धि और लागत में कमी की आ सकती है. यह लाइट ट्रैप फसल को केवल गुलाबी सुंडी के प्रकोप से ही नहीं बचाएगा, बल्कि अन्य कीटों का भी समाधान करती है. बाजार में कई तरह के लाइट ट्रैप पहले से उपलब्ध हैं, लेकिन आई ट्रैपर उनसे कई मामलों में अलग है. यह फायदेमंद या फसलों के लिए जरूरी कीटों को नहीं मारता, केवल उन कीटों को मारता है, जो फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं–जैसे गुलाबी सुंडी.
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