Sugarcane: खेत की 12 इंच जुताई और 2 आंख वाले बीज, इस आसान टिप्स से मिलेगी गन्ने की बंपर पैदावार
गन्ने की खेती बहुत श्रम मांगती है. जलवायु का भी बहुत ध्यान रखना होता है. साथ में उन्नत किस्मों का भी चयन करना पड़ता है. इसे देखते हुए सही समय में गन्ने की बंपर पैदावार लेना चुनौती भरा काम है. ऐसे में किसान नीचे बताए गए सुझावों को मानते हुए अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं.
गन्ना उगाना (sugarcane farming) थोड़ा मुश्किल काम है. तभी कड़ी मेहनत के बाद उस गन्ने से मिठास निकलती है. किसानों की कड़ी मेहनत मिठास के रूप में चीनी और गुड़ देती है. लेकिन क्या आपको पता है कि गन्ने की खेती एक साथ कई बातों पर निर्भर करती है. जैसे जलवायु की सटीक स्थिति, मिट्टी और खेती का तरीका. ये तीन बातें हैं जो गन्ने की खेती में मिठास भरती हैं. इन सभी बातों पर ध्यान रखते हुए आइए आसान तरीके में जानें कि गन्ने को सही समय में बेहतर ढंग से कैसे उगा सकते हैं.
तीन उम्दा सूत्र
जलवायु: गन्ने की खेती में जलवायु का विशेष महत्व है. इसमें गर्म और नम जलवायु की जरूरत होती है. औसत तापमान 21 डिग्री से 32 डिग्री के बीच होना चाहिए. तभी गन्ने की बेहतर खेती हो पाएगी.
मिट्टी: गन्ने लगाने (sugarcane farming) के लिए मिट्टी में पानी नहीं लगना चाहिए. यानी जल जमाव से गन्ने को दुश्मनी है. मिट्टी उर्वर होनी चाहिए जिसका पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए.
पानी: पानी के खेत में उपयुक्त सिंचाई बनी रहनी चाहिए. खेत में पानी लगे नहीं लेकिन सिंचाई की जरूरत भी पूरी होती रहनी चाहिए. एक साल में कम से कम 30 इंच बारिश का पानी या सिंचाई की जरूरत होती है.
खेती का तरीका
वैरायटी का ध्यान: अपने क्षेत्र के लिए अच्छी उच्च उपज देने वाली, रोग प्रतिरोधी किस्म चुनें.
मिट्टी तैयार करें: मिट्टी को 12 इंच (30 सेमी) की गहराई तक जोतें और उसमें खाद या गोबर जैसे जैविक खाद डालें.
रोपाई: गन्ने के सेट (कटिंग) को कम से कम दो नोड्स (आम भाषा में आंखें) के साथ, 12-18 इंच (30-45 सेमी) की दूरी पर, 3-4 फीट (90-120 सेमी) की दूरी पर पंक्तियों में लगाएं.
सिंचाई: नियमित रूप से सिंचाई करें, खासकर रोपाई (sugarcane farming) के बाद पहले कुछ महीनों के दौरान जरूर करें.
खाद: गन्ना रोपाई के समय और 3-4 महीने बाद फिर से खाद (10-10-10 एनपीके) डालें.
खरपतवार नियंत्रण: पानी और पोषक तत्वों की बर्बादी को रोकने के लिए नियमित रूप से खरपतवार हटाएं.
कीट-रोग प्रबंधन: कीटों और रोगों की निगरानी करें और यदि जरूरी हो तो तुरंत कार्रवाई करें.
जल्दी ग्रोथ की टिप्स
पेड़ी गन्ना लगाएं: पेड़ी गन्ना एक प्रकार का गन्ना है जो एक ही रोपाई से कई फसलें पैदा करता है. इसमें पौधे की कटाई होने के बाद उसी से नए पौधे आते हैं.
मल्च लगाएं: खेत में नमी बनाए रखने, खरपतवारों को दबाने और मिट्टी के तापमान को कंट्रोल करने के लिए पौधों के चारों ओर मल्च लगाएं.
सहारा दें: पौधों को बढ़ने के दौरान सहारा दें, इसके लिए खूंटे या जालीदार प्रणाली का उपयोग करें.
निगरानी करें: फसल की बढ़वार की नियमित निगरानी करें और जरूरत पड़ने पर खेती के तरीकों में सुधार करें.
गन्ने का ग्रोथ स्टेज
अंकुरण: रोपाई के 1-2 सप्ताह बाद.
बढ़वार: रोपाई के 2-4 सप्ताह बाद.
टिलरिंग: रोपाई के 4-6 सप्ताह बाद.
पकना: रोपाई के 9-12 महीने बाद.
कटाई: रोपाई के 10-14 महीने बाद.
किसान इन सुझावों और टिप्स का ध्यान रखते हुए जल्दी में गन्ने (sugarcane farming) की अच्छी उपज ले सकते हैं. इन टिप्स की मदद से आप अपनी गन्ने की फसल को तेजी से बढ़ने और पनपने में मदद कर सकते हैं. इससे आपकी मेहनत कम पड़ेगी और समय से पैदावार मिलेगी.