एक महीने में तैयार हो जाता है साइलेज चारा, जानिए अच्छे साइलेज की क्या है पहचान

एक महीने में तैयार हो जाता है साइलेज चारा, जानिए अच्छे साइलेज की क्या है पहचान

साइलेज एक पशु आहार है. इसमें हरे चारे और अनाज दोनों के गुण होते हैं और इसमें 15-20 फीसदी मक्के के दाने होते हैं. इसमें फाइबर और स्टार्च दोनों पाए जाते हैं. साथ ही इसमें प्रोटीन की मात्रा भी लगभग 8-10 प्रतिशत होती है. वहीं, इस चारे को तैयार होने में एक महीने का समय लगता है. आइए जानते हैं कि अच्छे साइलेज की क्या पहचान है?

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एक महीने में तैयार हो जाता है साइलेज चारा, जानिए अच्छे साइलेज की क्या है पहचानसाइलेज चारा

पशुपालन करने वाले किसानों के लिए साल भर हरे चारे का प्रबंध करना सबसे बड़ी चुनौती होती है क्योंकि जानवरों के अच्छे पोषण के लिए हरा चारा खिलाना बेहद जरूरी होता है, लेकिन अब पशुपालकों की इस समस्या का भी समाधान मिल गया है. आज हम ऐसी ही हरे चारे के बारे में बताएंगे जिससे गाय-भैंस को खिलाने से अधिक मात्रा में पोषण मिलता है. ये चारा है साइलेज. इस चारे को तैयार होने में एक महीने का समय लगता है. हम यहां आपको बताएंगे कि अच्छे साइलेज की क्या पहचान है.

जानिए साइलेज क्या है?

साइलेज एक पशु आहार है, इसमें हरे चारे और अनाज दोनों के गुण होते हैं और इसमें 15-20 फीसदी मक्के के दाने होते हैं. इसमें फाइबर और स्टार्च दोनों पाए जाते हैं. साथ ही इसमें प्रोटीन की मात्रा भी लगभग 8-10 प्रतिशत होती है. आसान भाषा में समझें तो हरे चारे को लंबे समय तक संरक्षित करने की प्रक्रिया ही साइलेज है. इसकी खास बात ये है कि साइलेज सालभर पशुओं को खिलाया जा सकता है. इसे खिलाने से जानवरों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. साथ ही दूध का फैट बढ़ने से बाजार में दूध की अच्छी कीमत भी मिलती है.

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साइलेज कैसे बनता है?

साइलेज बनाने के लिए सबसे पहले मक्के की फसल को दूधिया दाने की अवस्था में भुट्टे सहित काट लिया जाता है और पीस लिया जाता है. फिर इस पिसे हुए चारे को इनक्यूलेंट से उपचारित करके, मशीनों की सहायता से अच्छी तरह दबाया जाता है. फिर लगभग 21 से 30 दिनों में साइलेज तैयार हो जाता है. साइलेज आधुनिक मशीनों से बनाया जाता है, जिन्हें बेलर कहा जाता है. आधुनिक मशीनों से बनाए गए साइलेज की क्वालिटी बेहतर होती है.

साइलेज रखने की विधि

साइलेज को गड्‌ढों में बनाया जाता है. जमीन के नीचे बनाए गए साइलेज अच्छे रहते हैं और आसानी से बन जाते हैं. किसानों के लिए इसे गड्ढे में तैयार करना सबसे उपयुक्त माना जाता है. साइलेज से 8 फीट चौड़े और 12 फीट गहरे गड्ढे में पशुओं के लिए 3 महीने का चारा संरक्षित किया जा सकता है. साइलेज के लिए गड्ढे बनाए जाते हैं और इन गड्ढे की दीवारें धरातल से थोड़ी ऊपर उठी होनी चाहिए, जिससे बारिश का पानी गड्ढे में न जा सके.

अच्छे साइलेज की पहचान

साइलेज एक महीने में मवेशियों को खिलाने के लिए तैयार हो जाता है. इसके बाद गड्ढे को कभी भी खोल सकते हैं. अपने मवेशियों को खिलाने के लिए जितने साइलेज की जरूरत पड़े उतना ही गड्ढे में से बाहर निकालना चाहिए. पूरा गड्ढा न खोलकर एक किनारे से ही साइलेज निकालना चाहिए. ऐसा न करने से गड्ढे में साइलेज के सड़ने-गलने का भय रहता है. वहीं, बात करें अच्छे साइलेज की पहचान की तो उसका रंग चमकदार और हरा होता है.

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