कम लागत में ज्यादा कमाई कराती है प्राकृतिक खेती, गवर्नर बोले- मिट्टी और उपज की पोषकता के लिए अपनाना जरूरी 

कम लागत में ज्यादा कमाई कराती है प्राकृतिक खेती, गवर्नर बोले- मिट्टी और उपज की पोषकता के लिए अपनाना जरूरी 

राज्यपाल ने कहा कि मिट्टी की उर्वरता को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती सबसे बड़ी जरूरत है. यूरिया, डीएपी और कीटनाशकों के बढ़ते उपयोग से गंभीर बीमारियां बढ़ी हैं. मिट्टी के अनुकूल सूक्ष्म जीवों की संख्या लगभग खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि इन उर्वरकों के कारण कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है और इन सबसे बचने के लिए किसानों को प्राकृतिक खेती अपनानी चाहिए.

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कम लागत में ज्यादा कमाई कराती है प्राकृतिक खेती, गवर्नर बोले- मिट्टी और उपज की पोषकता के लिए अपनाना जरूरी प्राकृतिक खेती से मिट्टी और उपज की पोषकता बढ़ती है.

केंद्र और राज्य सरकारें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही हैं और इसके लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है. राजस्थान सरकार ने भी राज्य के किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए कहा है. प्राकृतिक खेती से किसानों की कम लागत में ज्यादा कमाई तो होती है, बल्कि खेत की मिट्टी और खाद्यान्न या उपज की पोषकता भी बढ़ जाती है. राजस्थान के राज्यपाल ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान किया है. वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के हित में काम कर रही है. हम पीएम किसान पर ज्यादा राशि लाभार्थियों को दे रहे हैं और गेहूं की खरीद पर बोनस का लाभ भी किसानों को दिया जा रहा है.

राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने बीते दिन शनिवार को कृषि कार्यशाला में किसानों से स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि कम लागत, अधिक उपज, अच्छी क्वालिटी और स्वच्छ पर्यावरण के साथ-साथ रसायन मुक्त खेती के लिए प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दिया. उन्होंने किसानों से 'गांव का पैसा गांव में' और 'शहर का पैसा शहर में' की अवधारणा पर काम करके देश के विकास में योगदान देने के लिए किसानों को प्रेरित किया. 

उर्वरकों से मिट्टी के सूक्ष्म जीव खत्म हो रहे 

कृषि कार्यशाला में जुटे 13 राज्यों के किसानों को जल संरक्षण के तरीके बताए गए. राज्यपाल ने कहा कि मिट्टी की उर्वरता को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती देश की सबसे बड़ी जरूरत है. यूरिया, डीएपी और कीटनाशकों के बढ़ते उपयोग से गंभीर बीमारियां बढ़ी हैं. मिट्टी के अनुकूल कीटाणुओं और सूक्ष्म जीवों की संख्या लगभग खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि इन उर्वरकों के कारण कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है और इन सबसे बचने के लिए किसानों को प्राकृतिक खेती अपनानी चाहिए.

किसानों के खाते में पहुंचे 1546 करोड़ रुपये 

उधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई अहम कदम उठाए हैं. पीएम किसान सम्मान निधि पर आधिकारिक बयान में कहा गया कि 18वीं किस्त के तहत राजस्थान के 70.36 लाख किसानों को 1546 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. उन्होंने कहा कि विकसित और समृद्ध राजस्थान का सपना किसान की समृद्धि से ही साकार होगा.

किसान सम्मान निधि और गेहूं पर बोनस 

पीएम किसान योजना के तहत 6,000 रुपये के अलावा मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत राजस्थान के किसानों को 2,000 रुपये प्रति वर्ष दिए जा रहे हैं. इस तरह किसानों को कुल 8 हजार रुपये सालाना मिल रहे हैं. इसी तरह राज्य में 2275 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर 125 रुपये का बोनस देकर 2400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा गया है.

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