सावधान हो जाएं आम के किसान, इन कीटों और बीमारियों के दिखने पर तुरंत डालें ये दवा

सावधान हो जाएं आम के किसान, इन कीटों और बीमारियों के दिखने पर तुरंत डालें ये दवा

आम पेड़ों के मंजर में प्रमुख तौर पर मधुआ कीट (मैंगो हॉपर), दहिया कीट (मिलीबग) और एंथ्रेक्नोज जैसी कीटों का प्रकोप देखने को मिल रहा है. इन कीटों और रोग से बचाने के लिए किसानों को बिहार कृषि विभाग ने आम के मंजर में तीन छिड़काव करने की सलाह दी है.

Advertisement
सावधान हो जाएं आम के किसान, इन कीटों और बीमारियों के दिखने पर तुरंत डालें ये दवाआम की खेती का टिप्स

आम के सीजन का इंतजार अब जल्द ही खत्म होने वाला है. कई जगहों पर फरवरी के आखिरी दिनों में आम के पेड़ मंजर से लद गए हैं. लेकिन मौसम में हो रहे लगातार बदलाव और इस महीने हो रही हल्की बारिश से आम के पेड़ों में कई बीमारियों और कीटों के लगने का खतरा मंडराने लगा है. आम पेड़ों के मंजर में प्रमुख तौर पर मधुआ कीट (मैंगो हॉपर), दहिया कीट (मिलीबग) और एंथ्रेक्नोज जैसी कीटों का प्रकोप देखने को मिल रहा है. इन कीटों और रोग से बचाने के लिए किसानों को बिहार कृषि विभाग ने आम के मंजर में तीन छिड़काव करने की सलाह दी है. किसानों को सलाह दी गई है कि तीनों छिड़काव सही समय पर होने चाहिए. इससे मंजर को नुकसान नहीं होगा और अच्छी पैदावार होगी. साथ ही ये भी जानते हैं कि आम को बचाने के लिए किन दवाओं का छिड़काव कर सकते हैं.

पहला, दूसरा और तीसरा छिड़काव

आम के पेड़ पर पहला छिड़काव मंजर निकलने के पहले कीटनाशक छिड़काव किया जाता है. इस को छिड़काव ऐसे किया जाता है कि पेड़ की छाल के दरारों में छुपे मथुआ कीट तक पहुंच सके. क्योंकि यह कीट वायुमंडल का तापमान बढ़ने के साथ ही अपनी संख्या में बढ़ोतरी करने लगते हैं. वहीं, आम के मंजरों में मटर के जितना दाना लग जाने पर कीटनाशक के साथ किसी एक फफूंदनाशी को मिलाकर दूसरा छिड़काव करने से मंजर को पाउडरी मिल्ड्यू और एन्थ्रेकनोज जैसे रोगों से बचाया जा सकता है.

साथ ही इसके घोल में अल्फा नेपथाईल एसेटीक एसीड (पीजीआर) मिलाया जाता है. जो मंजर में लगे फलों को गिरने से रोकता है. वहीं, बात करें तीसरे छिड़काव कि तो आम के मंजर में जब टिकोला लग जाए तब उस पर तीसरा छिड़काव किया जाता है. तीसरे छिड़का में कीटनाशक के साथ अल्फा नेपथाईल एसेटीक एसीड के अलावा आवश्यकतानुसार फफूंद नाशी को मिलाकर छिड़काव किया जाता है. जो दहिया कीट लगने से बचाता है.

ये भी पढ़ें:- बिहार के किसान ध्यान दें... प्याज पर हो सकता है थ्रिप्स का अटैक, स्प्रे के लिए तैयार रखें ये दवा

इन कीटनाशकों का करें इस्तेमाल

  • इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल एक मिली प्रति तीन लीटर पानी के साथ छिड़काव करें.
  • डायमेथोएट 30 प्रतिशत ईसी का दो मिली प्रति तीन लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें.
  • थायोमेथाक्साम 25 प्रतिशत डब्ल्यूपी का एक ग्राम प्रति 10 लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें.

इन फफूंदनाशकों का करें छिड़काव

  • सल्फर 80 घुलनशील चूर्ण तीन ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
  • कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण तीन ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें.
  • कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण को एक ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
  • हेक्साकोनाजोल 5 प्रतिशत एससी का 2 मिली प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें.

इन प्रमुख बातों का रखें ध्यान

मंजर के समय हल्की बूंदा-बांदी हो जाने पर घुलनशील सल्फर या कार्बेन्डाजिम का हेक्साकोनाजोल का छिड़काव करें. दहिया कीट के नियंत्रण के लिए तैयार किए गए घोल में कोई स्टिकर जरूर मिला दें. फल और मंजर को गिरने से बचाने के लिए दूसरे और तीसरे छिड़काव में कीटनाशक के तैयार घोल के साथ अल्फा नेप्थॉल एसिटिक एसिड 4.5 एसएल का चार मिली प्रति 10 लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए किसान कॉल सेंटर के टोल फ्री नंबर 18001801551 पर या अपने जिला के सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण से संपर्क कर सकते हैं.

    
POST A COMMENT