घर की बागवानी का बचाव सर्दी के मौसम में जब तापमान काफी कम हो जाता है तो घर की छतों पर रखे हुए पौधों के पत्ते पीले पड़ने लगते हैं. साथ ही उनका विकास भी प्रभावित हो जाता है. ऐसे में सर्दियों के समय इन पौधों की अतिरिक्त देखभाल करने की जरूरत होती है. ताकि उन्हें ठंड में नुकसान होने से बचाया जा सके. पौधों के लिए वसंत ऋतु का मौसम काफी ज्यादा अच्छा माना जाता है. घर में बागवानी करने वाले लोगों को कुछ उपाय सर्दी के मौसम में जरूर करनी चाहिए, ताकि उनके घर के सजावटी पौधों के साथ-साथ सब्जी और फल के पौधे भी ठंड से पूरी तरह सुरक्षित रहें. लखनऊ के कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ अखिलेश दुबे ने बताया कि सर्दी के मौसम में जब न्यूनतम तापमान काफी ज्यादा कम हो जाए, कोहरा और पाला पड़ने लगे, तो घर की बागवानी को कुछ टिप्स अपनाकर बचाया जा सकता है.
सर्दी के मौसम में घर की छतों पर गमलों और पॉली बैग में लगाए गए फूल-सब्जी और सजावट वाले पौधों का बचाव करना काफी ज्यादा जरूरी हो जाता है. कोहरे और पाले की वजह से इन पौधों पर बुरा प्रभाव दिखाई देता है. कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक अखिलेश दुबे ने बताया कि घर में बागवानी करने वाले लोगों को पौधों की पलवार (मल्चिंग) करनी चाहिए. बाहर रखे हुए पौधों को सफेद रंग की पन्नी से कवर करें. ठंड से पौधों को बचाने के लिए हल्की सिंचाई जरूर कर दें. 1 लीटर पानी में 2 ग्राम घुलनशील सल्फर को डालकर पौधों पर स्प्रे करना चाहिए. इससे ठंड के प्रभाव से पौधों का बचाव होता है.
घर के गमले में लगे हुए पौधों को सर्दियों के मौसम में मल्चिंग करके देखभाल करनी चाहिए. ठंड के मौसम में जब तापमान काफी ज्यादा कम हो जाए और वातावरण में नमी के कारण पौधों को काफी नुकसान होने की संभावना होती है. ऐसे में पौधों के बचाव के लिए मल्चिंग एक बेहतर उपाय है. कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक अखिलेश दुबे ने बताया कि मल्चिंग के माध्यम से पौधों का तापमान बढ़ जाता है. इससे उनकी जड़ों में गर्माहट मिलती है जिससे पौधे सुरक्षित रहते हैं. सर्दियों में पौधों के आसपास मल्चिंग करने के लिए कटी हुई पत्तियां पुआल का प्रयोग करना चाहिए. पौधों को ठंड से बचाने के लिए 3 से 5 इंच मोटी परत से मल्चिंग करनी चाहिए.
पौधों के विकास के लिए वसंत ऋतु आदर्श समय माना जाता है. इस समय में दिन गर्म होना शुरू होता है, लेकिन तापमान बहुत ज्यादा नहीं होता है. मिट्टी में नमी भी बनी रहती है और धूप भी पर्याप्त मिलता है. इसीलिए वसंत को प्रकृति में बदलाव दिखने लगता है. पेड़ पौधों पर हरे भरे पत्ते आने शुरू हो जाते हैं, फूल खिलने लगते हैं. इस दौरान पौधों का ग्रोथ तेजी से होता है.
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