आलू की फसल पर देसी दारू का छिड़काव! एक्सपर्ट ने बताए इससे होने वाले बड़े नुकसान

आलू की फसल पर देसी दारू का छिड़काव! एक्सपर्ट ने बताए इससे होने वाले बड़े नुकसान

Liquor spray on crop: किसानों से जब इसके फायदे के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि भीषण ठंड में फसल को पाले से बचाने के लिए देसी शराब का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक आधार किसानों के पास नहीं है. किसानों का कहना है कि देसी शराब उनके लिए सस्ता पड़ता है, महंगे स्प्रे और दवाओं की तुलना में. इसलिए वे सस्ते में देसी शराब का इस्तेमाल करते हैं.

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आलू की फसल पर देसी दारू का छिड़काव! एक्सपर्ट ने बताए इससे होने वाले बड़े नुकसानफसल पर देसी शराब का छिड़काव

liquor spray on crop: आपको सुनकर ताज्जुब होगा, लेकिन ये सच है कि यूपी के कुछ इलाकों के किसान फसलों पर देसी शराब का इस्तेमाल कर रहे हैं. 'किसान तक' ने पिछले साल इटावा क्षेत्र के किसानों से बात कर इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इस बाबत कृषि विभाग के अधिकारियों से भी बात की गई थी और शराब के इस्तेमाल के फायदे और नुकसान के बारे में पाठकों को जानकारी दी गई थी. इस साल बुलंदशहर से रबी फसलों पर शराब छिड़कने की जानकारी आई है. 

दरअसल, हर साल इस महीने में रबी फसलों पर ठंड और पाले का प्रकोप देखा जाता है. मध्य दिसंबर से लेकर जनवरी तक रबी फसलों पर पाले का प्रभाव अधिक होता है. इससे बचने के लिए किसान देसी जुगाड़ अपनाते हैं और इसी में शराब वाली तरकीब भी है. जब पाला कई दिनों तक लगातार जारी रहता है तो सरसों और आलू जैसी फसलों को नुकसान की आशंका अधिक रहती है.

पाले से बचाव का उपाय

हालांकि अभी देश के किसी हिस्से में ऐसी स्थिति नहीं बन रही है जब पाला लगातार गिर रहा हो. ठंड कुछ ही दिनों पहले शुरू हुई है. लेकिन पिछले साल की घटनाओं से सावधान रहते हुए किसान इस बार पहले ही एहतियात बरत रहे हैं. किसान इस बार पाला पड़ने से पहले ही फसलों को बचाने में लग गए हैं. बुलंदशहर के किसान ठंड और पाले के खतरे को देखते हुए फसल पर शराब का छिड़काव कर रहे हैं.

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पिछले साल की बात करें तो इटावा जिले से कई किसानों की ऐसी खबरें आई थीं. पिछले साल इटावा में जनवरी शुरू में तापमान 3 से 5 डिग्री तक बना हुआ था. इससे फसलों पर पाले का प्रकोप तेजी से बढ़ गया. इससे फसलों पर बीमारियां बढ़ने का खतरा देखा गया. इसी में झुलसा रोग का खतरा भी देखा गया. इससे बचाव के लिए कई किसानों को आलू फसल पर देसी शराब का छिड़काव करते देखा गया. इस साल भी ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं.

फायदे से ज्यादा नुकसान

किसानों से जब इसके फायदे के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि भीषण ठंड में फसल को पाले से बचाने के लिए देसी शराब का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक आधार किसानों के पास नहीं है. किसानों का कहना है कि देसी शराब उनके लिए सस्ता पड़ता है, महंगे स्प्रे और दवाओं की तुलना में. इसलिए वे सस्ते में देसी शराब का इस्तेमाल करते हैं.

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हालांकि कृषि वैज्ञानिक इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते कि दवाओं की जगह देसी शराब का छिड़काव करने से फसल को पाले से बचाया जा सकता है. कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि इससे फौरी तौर पर फसल को भले ही फायदा दिखे, लेकिन इसके नुकसान घातक हो सकते हैं. आगे चलकर इससे उगने वाली फसल से सेहत को नुकसान हो सकता है. इसलिए किसानों को देसी शराब के छिड़काव से परहेज करना चाहिए.

 

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