Soybean Farming: खरीफ में सोयाबीन की बुवाई के लिए ऐसे करें खेत तैयार, मिलेगी बंपर उपज

Soybean Farming: खरीफ में सोयाबीन की बुवाई के लिए ऐसे करें खेत तैयार, मिलेगी बंपर उपज

Soybean Farming: सोयाबीन की खेती के लिए खेत तैयार करने और बुवाई के लिए जुताई, गोबर खाद, उर्वरक और बीज उपचार जैसे कदम उठाए जा सकते हैं. 15 जून से 15 जुलाई के बीच बुवाई करना उचित है.

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Soybean Farming: खरीफ में सोयाबीन की बुवाई के लिए ऐसे करें खेत तैयार, मिलेगी बंपर उपजSoybean Farming. सोयाबीन की खेती

बीते साल मॉनसून सीजन में अच्‍छी बारिश हुई थी, जिस वजह से खरीफ के अलावा रबी सीजन की फसलों की भी बंपर पैदावार हुई. इनमें खरीफ में प्रमुख- सोयाबीन और धान की फसल रही तो वहीं रबी सीजन में गेहूं का बढ़‍िया उत्‍पादन हुआ. वर्तमान में किसानों के खेतों में जायद सीजन की फसलें लगी हुई हैं और इनकी कटाई का समय नजदीक है. इस साल भी मॉनसून सीजन में अच्‍छी बारिश का अनुमान है और मॉनसून का आगमन भी इस बार जल्‍दी हो रहा है. इसलिए बड़ी संख्‍या में किसान अभी से ही खरीफ फसलों की बुवाई की तैयारियों में जुट गए हैं. ऐसे में किसानों के पास खरीफ सीजन की प्रमुख त‍िलहन फसल सोयाबीन की खेती करने का बढ़‍िया मौका है.  

15 जून से 15 जुलाई के बीच बोएं सोयाबीन

मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान और महराष्‍ट्र के अलावा अन्‍य कुछ राज्‍यों में सोयाबीन की खेती प्रमुखता से की जाती है. ज्‍यादतर साल MP और महाराष्‍ट्र ही उत्‍पादन में पहले या दूसरे नंबर बने रहते हैं. वैसे तो सोयाबीन की बुवाई जून की शुरुआत से जुलाई अंत तक चलती है. हालांकि, 15 जून से 15 जुलाई के बीच का समय सोयाबीन की बुवाई के लिए अच्‍छा माना जाता है, जब अच्‍छी बारिश होने लगती है. लेकिन अब कई किसमें ऐसी भी मौजूद हैं, जो कम बारिश वाली जगहों पर भी पैदावार में बढ़‍िया नतीजे देती हैं.

सोयाबीन की बुवाई के लिए ऐसे तैयार करें खेत

सोयाबीन की खेती के लिए सही जल निकासी वाली दोमट मिट्टी को सबसे अच्‍छा माना जाता है. खेत तैयार करते समय मिट्टी में ज्‍यादा से ज्‍यादा जैविक कार्बनिक पदार्थ मिलान से फसल अच्‍छी हाेती है. सोयाबीन की खेती के लिए खेत तैयार करने के दौरान किसानों को 2 बार हैरो या मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करनी चाहि‍ए. इसके बाद देसी हल से जुताई और पाटा लगाकर खेत को समतल करना चाहिए. बाद में सिंचाई के दौरान एक हजार लीटर पतंजलि संजीवक खाद का प्रति एकड़ की दर से इस्‍तेमाल करना चाहिए, तब यह खेत सोयाबीन की बिजाई के लिए तैयार हो जाता है.

गाेबर खाद से मिलता है बढ़ि‍या उत्‍पादन

किसानों ध्‍यान रखें कि सोयाबीन की खेती में सड़े हुए गोबर की खाद बहुत अच्‍छे से काम करती है. इसलिए बुवाई से लगभग 20-25 दिन पहले ही खेत में बढ़‍िया उत्पादन हासिल करने के लिए लगभग 5-10 टन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाना अच्‍छा रहता है. अगर किसान किसी कारण से मिट्टी का परीक्षण नहीं करा सके तो उन्‍नत किस्‍माें की बुवाई के लिए 20 से 25 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 से 80 किलोग्राम फास्फोरस,  40 से 50 किलोग्राम पोटाश और 20 से 25 किलोग्राम गंधक मिट्टी में मिला सकते हैं. हालांकि, इनका इस्‍तेमाल कृषि अध‍िकारी/एक्‍सपर्ट से करना बेहतर होगा. 

प्रति हेक्‍टेयर में कितने बीज लगेंगे?

सोयाबीन की खेती के अगर आप मोटे दाने का इस्‍तेमाल कर रहे हैं तो 80 से 85 किलोग्राम, मध्यम दाने के लिए 70 से 75 किलोग्राम और छोटे दाने के लिए 60 से 65 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बीजों का इस्‍तेमाल करें. बुवाई के दौरान पंक्तियों में 45×5 सेमी की दूरी रखें और बिजाई से पहले बीजों के उपचार के लिए प्रति किलो बीज पर 2 ग्राम थीरम और 1 ग्राम कार्बेन्डाजिम का इस्‍तेमाल करें. बुवाई के बाद खरपतवार को खत्‍म करने के लिए बुवाई के 30 और 45 दिनों बाद निराई-गुड़ाई करें.

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