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Jackfruit farming: गन्ने की खेती छोड़ किसान ने लगाई कटहल की बागवानी, अगले साल से लाखों में होगी कमाई

Jackfruit farming: गन्ने की खेती छोड़ किसान ने लगाई कटहल की बागवानी, अगले साल से लाखों में होगी कमाई

मुजफ्फरनगर में भी कई किसानों के द्वारा गन्ने की परंपरागत खेती को छोड़कर अब सब्जियों की खेती कर रहे हैं. गन्ने की फसल की लंबी अवधि के चलते अब कई किसान दूसरी फसलों को खेतों में उगाने लगे हैं. किसान का कहना है कि कटहल के पौधे में 2 साल में फल आने लगेंगे जिससे 30 से 40 साल तक कमाई होती रहेगी।

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किसानों की आय को दोगुना करने के लिए यूपी सरकार भी फसल की लागत को कम करने के प्रयास में जुटी हुई है. कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ ही कृषि वैज्ञानिक भी अब किसानों को वैज्ञानिक तरह से खेती करने के तरिके सीखा रहे हैं. ऐसे में लंबी अवधि वाली फसलों के साथ सह-फसली खेती करने के लिए भी किसानों को प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है. गन्ना एक ऐसी फसल है जिसकी अवधि 10 माह से लेकर 1 साल की होती है. ऐसे में गन्ने के साथ सब्जी, फूलों की खेती को करके किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं. मुजफ्फरनगर में भी किसानों के द्वारा गन्ने की परंपरागत खेती को छोड़कर अब सब्जियों की खेती कर रहे हैं. किसान रणजीत सैनी का मानना है की गन्ने की एक फसल की अवधि में किसान सब्जियों की कई फसलों को उगाकर ज्यादा मुनाफा कमाया जा  सकता है. इसलिए उन्होंने अब कटहल के साथ-साथ पालक, शलजम और गोभी की खेती शुरू की है जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है.

गन्ने की खेती को छोड़ सब्जी उगा रहे हैं यहाँ के किसान

मुजफ्फरनगर में सबसे ज्यादा किसानों के द्वारा गन्ने की खेती की जाती है. यहाँ किसानों के लिए गन्ना मुख्य फसल है. इसके अलावा दूसरी फसलों को किसानों के द्वारा बहुत कम क्षेत्रफल पर उगाया जाता है. गन्ने की फसल की लंबी अवधि के चलते अब जिले के कई किसान दूसरी फसलों को खेतों में उगाने लगे हैं. जिले के भोपा के रहने वाले किसान रणजीत सैनी ने कटहल की फसल को अपने खेतों में लगाया है. वह परंपरागत खेती को छोड़कर नई तरह की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि गांव के पास में ही उनकी भूमि है जहां पर उन्होंने अप्रैल महीने में कटहल की बागवानी लगाई है.  कटहल के साथ-साथ उन्होंने पालक, शलजम ,गोभी की पैदावार भी ले रहे हैं. किसान का कहना है कि 2024 की आखिर तक कटहल में फल आने लगेंगे जिससे उनकी आय भी बढ़ जाएगी. गन्ने की फसल को तैयार होने में 1 साल का समय लगता है. ऐसे में किसान अपने खेतों में सब्जियां की कई फसलों को ले सकता है जिससे उसकी आय में इजाफा होगा.

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तमिलनाडु और केरल से सीखा है कटहल की बागवानी (Jackfruit farming)

किसान रणजीत ने बताया की कटहल की खेती (Jackfruit farming) बड़े पैमाने पर तमिलनाडु और केरल में होती है. उन्होंने वहां के किसानों से कटहल की खेती के फायदे को समझा, इसके बाद पांच बीघा क्षेत्रफल में 227 पेड़ लगाए हैं. एक पेड़ को लगाने में 320 रुपए का खर्चा आया है. कटहल के साथ-साथ वह सब्जी की खेती भी कर रहे हैं. कटहल के पौधों में लगने वाली फंगस की बीमारी से बचने के लिए वह लगातार दवाइयां का छिड़काव करते हैं. पौधों में अच्छी वृद्धि हो रही है. किसान का कहना है कि कटहल के पौधे में 2 साल में फल आने लगेंगे और 30 से 40 साल तक इसके माध्यम से कमाई होती रहेगी. उनके पूरे क्षेत्र में कटहल की कोई बागवानी नहीं है. इसलिए इस फसल की खपत भी ज्यादा होने की उम्मीद है.